Uttarakhand: पहाड़(Hills) में कोरोना ने मचाया ऐसा कहर मैदानी इलाकों को छोड़ गया पीछे, कोरोना(Corona) नियंत्रण के लिए सरकार ने लिया अब बड़ा फैसला
उत्तराखंड(Uttarakhand) के पर्वतीय क्षेत्रों(Hills) में कोरोना की दूसरी लहर कम होने का नाम ही नहीं ले रही है, अगर बात करें सरकारी आंकड़ों की तो एक मई से 19 मई के बीच नौ पर्वतीय जिलों में 20 हजार से अधिक कोरोना के मामले आए हैं, जो राज्य के कुल मामलों का 27.6 फीसदी है। प्रदेश में मैदानी जिलों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच की सुविधा काफी कम है। मैदानों में सरकारी और निजी पैथोलॉजी लैब में कोविड(Corona) जांच की आरटीपीसीआर और एंटीजन जांच की सुविधा की जा रही है। जबकि कई पर्वतीय जिलों में कोविड जांच के लिए लैब नहीं है। पहाड़ों में कोरोना से मरने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। इसके लिए सरकार के कुप्रबंधन और पहाड़ी जिलों में जांच की धीमी गति को जिम्मेदार माना जा रहा है।
बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना संक्रमण की जांच की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर सरकार ने यह फैसला लिया है। शुक्रवार को सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। अभी तक मिले आकड़ों के अनुसार राज्य में एक मई से 19 मई तक कोरोना से मरने वालों में 19 प्रतिशत मरीज पर्वतीय जिलों के हैं। एक मई से 10 मई तक राज्य के नौ पर्वतीय जिलों में करीब 20 हजार लोग संक्रमित मिले, जो राज्य के कुल मामलों का 27.6 प्रतिशत हैं। इस हिसाब से राज्य में अब हर चौथा मामला उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से आ रहा है। अगर बात करे टैस्टिंग की तो कोविड काल में प्रदेश में अब तक 44 लाख से अधिक सैंपलों की जांच की गई। जिसमें 40.97 लाख सैंपल निगेटिव और 303940 सैंपल कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।