Tanakpur Bageshwar rail line: बजट सत्र के दौरान सांसद अजय टम्टा ने लोकसभा में उठाए टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन समेत पहाड़ के इन प्रोजेक्टों के मुद्दे…
उत्तराखण्ड में भारतीय रेलवे दिन प्रतिदिन अपनी सुविधाएं बेहतर करने में जुटा हुआ है। आज ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के निर्माण से जहां वर्षों से पहाड़ तक रेलवे लाइन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है वहीं कुमाऊं मंडल के वाशिंदे आज भी अपने सपनों को हकीकत में तब्दील होने की राह देख रहे हैं। कुमाऊं के लोगों की इसी पीड़ा को लोकसभा सांसद अजय टम्टा ने बीते रोज सदन में उठाया। उन्होंने पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों को रेल लाइन से जोड़ने की मांग करते हुए दशकों से प्रस्तावित टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाइन की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाने की मांग केन्द्र सरकार से की। संसद में अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के शासन काल में वर्ष 1912 में ही इस रेलवे लाइन का सर्वे हो गया था। बावजूद इसके आज तक इस रेलवे लाइन का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है हालांकि वर्तमान सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी कारण 29 करोड़ रुपये की लागत से रेल लाइन के अंतिम सर्वे का काम तेजी से चल रहा है।
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इसके अतिरिक्त उन्होंने टनकपुर रेलवे स्टेशन से राजधानी देहरादून के लिए एक शताब्दी/जनशताब्दी रेलगाड़ी का संचालन करने, टनकपुर से चलने वाली पूर्णागिरि जन शताब्दी के समय को कम करने, रामनगर से मुंबई (बांद्रा) रेलगाड़ी को सप्ताह में तीन दिन चलाने, काठगोदाम से जम्मू को चलने वाली ट्रेन गरीब रथ एवं लालकुआं से हावड़ा रेलगाड़ी को सप्ताह में दो बार संचालित करने की मांग भी बजट सत्र के दौरान रेल मंत्री से की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि रामनगर-चौखुटिया, चौखुटिया-गरुड़-बागेश्वर, 10 किलोमीटर टनल के माध्यम से बागेश्वर- कपकोट, तेजम, टपल के माध्यम से और मदकोट- जौलजीवी- धारचूला मुनस्यारी तक रेलवे लाइन का सर्वे कराया जाए ताकि पहाड़ के वाशिंदों के साथ ही पर्यटकों को भी सुविधाओं का लाभ मिल सके।