Highlights
Father of signature astrology: एक हस्ताक्षर बदल सकता है आपकी जिंदगी -विवेक त्रिपाठी
By
father of signature astrology vivek tripathi said how life change signatures uttarakhand latest news live today क्या हस्ताक्षर बता सकते हैं भविष्य? सिग्नेचर एस्ट्रोलॉजी पर बढ़ा विवाद, भारत में हस्ताक्षर ज्योतिष के जनक विवेक त्रिपाठी की चेतावनी ने बढ़ाई चिंता
father of signature astrology vivek tripathi said how life change signatures uttarakhand latest news live today: ज्योतिषशास्त्र को लेकर देश में हमेशा दो तरह की राय रही है, एक पक्ष इसे अंधविश्वास बताता है, जबकि दूसरा इसे जीवन की दिशा समझने वाली विद्या मानता है। इसी बहस के बीच एक नई शाखा तेजी से सुर्खियों में है और वो है सिग्नेचर एस्ट्रोलॉजी, यानी हस्ताक्षर के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव और संभावित परिस्थितियों का अध्ययन। इस क्षेत्र को लोकप्रिय बनाने वालों में सबसे चर्चित नाम है विवेक त्रिपाठी, जो खुद को इस विधा का पहला शोधकर्ता बताते हैं।
21 साल की उम्र में शुरू हुई तलाश, ‘सिग्नेचर मैन’ बनकर मिली अलग पहचान
कानपुर विश्वविद्यालय में बी.ए. के छात्र रहे विवेक त्रिपाठी भी करियर को लेकर उलझन में थे। तभी उन्होंने सुना कि कोई व्यक्ति सिर्फ हस्ताक्षर देखकर भविष्य का अंदाज़ा लगा लेता है। यहीं से उनकी दिलचस्पी बढ़ी और उन्होंने अखबारों में छपे नेताओं व अधिकारियों के सिग्नेचर का गहराई से अध्ययन करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे पैटर्न समझ आए, दोस्तों पर की गई भविष्यवाणियाँ सही निकलीं और कॉलेज में उन्हें लोग ‘सिग्नेचर मैन’ कहकर पुकारने लगे। उनकी चर्चा तब और बढ़ गई जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर की गई उनकी भविष्यवाणियाँ सही साबित हुईं।
दुर्घटना और सर्जरी तक की भविष्यवाणी
भारत में हस्ताक्षर ज्योतिष के जनक माने जाने वाले विवेक त्रिपाठी का कहना है कि व्यक्ति का हस्ताक्षर उसकी ऊर्जा, मानसिक स्थिति और आने वाली परिस्थितियों का आईना होता है। सबसे बड़ा विवाद उनकी इस बात पर है कि वे दुर्घटना और मेडिकल सर्जरी तक की आशंका हस्ताक्षर देखकर बता देने का दावा करते हैं।
उनके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने नाम का पहला अक्षर काटकर साइन करता है, तो उसके जीवन में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को कमर से ऊपर चोट लगने की आशंका अधिक रहती है। इस तरह हस्ताक्षर करने वालों को भविष्य में कभी न कभी सर्जरी का सामना करना पड़ता है। इनके घरों में दवाइयाँ अधिक मिलती हैं और मोबाइल में डॉक्टरों के नंबर भी सामान्य से ज्यादा रहते हैं।
विवेक का तर्क है, “नाम का पहला अक्षर व्यक्ति की पहचान है। उसे काटना यानी अपनी ही ऊर्जा को काटना।” उनके मुताबिक गलत सिग्नेचर धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा पर असर डालते हैं और कई जोखिम बढ़ा देते हैं।
क्या यह विज्ञान है या सिर्फ संयोग?—विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
हस्ताक्षर देखकर दुर्घटना या बीमारी की भविष्यवाणी करने का दावा स्वाभाविक रूप से विवाद को जन्म देता है।
कुछ विशेषज्ञ इसे मनोविज्ञान और व्यवहार विश्लेषण की तकनीक बताते हैं, जबकि कई इसे अंधविश्वास मानते हैं।
इसके बावजूद, विवेक त्रिपाठी के विश्लेषण और सालों के अनुभव ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है।
कई लोग उन्हें ज्योतिषी की बजाय एक काउंसलर और गाइड के रूप में देखने लगे हैं।
क्या है समाधान?—सिग्नेचर बदलकर सुधार का दावा
विवेक त्रिपाठी लोगों को सलाह देते हैं कि अगर सिग्नेचर में पहला अक्षर कट रहा है, तो तुरंत बदलाव करें—
नाम का पहला अक्षर स्पष्ट और पूरा लिखें।
किसी भी अक्षर को कटने न दें।
सिग्नेचर संतुलित, साफ और स्थिर रखें।
उनका दावा है कि साइन बदलने से ऊर्जा की दिशा बदल जाती है, और इससे कई नकारात्मक स्थितियों से बचाव संभव है।
उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।
👉👉TWITTER पर जुडिए।
