Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Chamoli DISASTER : pump operator omprakash farshwan died in rishiganga project tapovan

उत्तराखण्ड

चमोली

चमोली आपदा: अचानक सैलाब आया सब-कुछ तबाह हो गया और मां की बनाई रोटियां टिफिन में ही रह गई

चमोली आपदा (Chamoli DISASTER) ने छीन ली लापता ओमप्रकाश के हंसते-खेलते परिवार की खुशियां, ऋषिगंगा परियोजना (Rishiganga Project) में पंप आपरेटर के रूप में करते थे काम..

बीते सात फरवरी को राज्य के चमोली जिले में आई चंद घंटों की जलप्रलय (Chamoli DISASTER) ने क‌ई परिवारों से उनके स्वजनों को हमेशा के लिए छीन लिया, क‌ई घर तबाह हो गए, क‌ई परिवारों के सपने नदी के इस बवंडर के साथ ही बह ग‌ए। रोज की तरह शाम को परिजनों के पास आने का वादा करके अपने घरों से काम पर निकले क‌ई लोग इस तबाही में हमेशा के लिए दफन हो ग‌ए। इस त्रासदी के बाद से लापता क‌ई लोगों का अभी भी कोई पता नहीं चला है। लापता व्यक्तियों की सूची में चमोली जिले के रहने वाले ओमप्रकाश फर्स्वाण भी शामिल है जिनका परिवार बीते सात फरवरी से ओमप्रकाश की राह तक रहा है। बताया गया है कि ओमप्रकाश फर्स्वाण भी ऋषिगंगा प्रोजेक्ट  (Rishiganga Project) में एक पंप आपरेटर थे। बीते सात फरवरी को भी वह सुरंग में काम करने गए थे, तबसे उनका कोई पता नहीं चला है। बता दें कि इस तबाही के समय ओमप्रकाश के पिता प्रेम सिंह उनके लिए टिफिन में रोटियां लेकर जा रहे थे, लेकिन इसी बीच आई चंद घंटों की आपदा ने वहां सब-कुछ तबाह कर दिया। ओमप्रकाश की मां द्वारा बड़े लाड़-प्यार से बेटे के लिए बनाई रोटियां उसे नसीब ना हुई और टिफिन में ही रह गई। भले ही इस आपदा को बीस दिन हो गए हो परन्तु बेटे की सकुशल वापसी की उम्मीद लिए प्रेम सिंह अभी भी रोजाना रेस्क्यू स्थल पर पहुंच रहे हैं।
यह भी पढ़ें- चमोली आपदा: अपने मासूम बच्चे के साथ शांति आज भी कर रही जल प्रलय में लापता पति का इंतजार

परिवार के इकलौते कमाऊं सदस्य थे आपदा के बाद से लापता ओमप्रकाश:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के करछौं गांव निवासी ओमप्रकाश फर्स्वाण तपोवन में निर्माणाधीन ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना में पंप आपरेटर के रूप में कार्य करते थे। बीते सात फरवरी को आई इस आपदा के बाद से लापता ओमप्रकाश के पिता प्रेम सिंह कहते हैं कि उस दिन रविवार होने के कारण उनका बेटा बिना कुछ खाए-पिए ही ड्यूटी पर चले गया था। खेत से लौटने पर जब यह बात ओमप्रकाश की मां चंद्रकला को पता चली तो मां का ममताम‌ई हृदय पिघल गया, बेटे को भूखा-प्यासा काम पर गया जानकर उन्होंने तुरंत बड़े लाड़-प्यार से ओमप्रकाश के लिए रोटियां बनाई और उसे टिफिन में डालकर प्रेम सिंह से तत्काल  ओमप्रकाश तक पहुंचाने का आग्रह किया। चंद्रकला की बात सुनकर प्रेमसिंह तुरंत टिफिन लेकर उसे ओमप्रकाश तक पहुंचाने के लिए घर से निकल गए लेकिन जैसे ही प्रेमसिंह तपोवन पहुंचे तो धौलीगंगा में आए सैलाब को देखकर उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। बता दें कि इस हादसे के बाद से जहां परिवार के इकलौते कमाऊं सदस्य ओमप्रकाश की पत्नी रिंकी बेसुध हैं वहीं अन्य परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी छः माह की एक मासूम बच्ची ईशानी भी है।

यह भी पढ़ें- चमोली त्रासदी: तपोवन परियोजना में कार्यरत इंजीनियर अभिषेक पंत अभी तक लापता, अप्रेल में थी सगाई

लेख शेयर करे

More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top