चमोली (Chamoli) में आपदा (Disaster) का कहर, आईटीबीपी जवानों को मिले अब तक 10 लोगों के शव, 125 अभी भी लापता..
आज उत्तराखंड में फिर से वही तबाही का मंजर नजर आया जो 2013 की केदारनाथ आपदा में देश-दुनिया ने देखा। चमोली(Chamoli) जिले के रैणी गांव में ग्लेशियर टूट जाने से ऋषिगंगा एवं धौलीगंगा नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया, जिससे चारों तरफ तबाही मच गई। देखते ही देखते कई लोग इस तबाही (Disaster) में समा गए। अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार इस तबाही में 100 से 150 लोगों के हताहत होने की खबर है। घटना की सूचना मिलते ही सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया है। जो अभी भी जारी है। आईटीबीपी जवानों को अब तक 10 लोगों के शव बरामद हो चुके है। उधर आईटीबीपी के जवानों ने एक सुरंग में काम कर रहे 16 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। बताया गया है कि इस आपदा में कई घरों के बहने की आंशका भी प्रशासन द्वारा जताई गई है। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घटनास्थल का दौरा भी किया। देहरादून पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल्द एनडीआरएफ के साथ ही सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों से बैठक करने जा रहे हैं। ताकि आपदाग्रस्त क्षेत्र में और अधिक स्तर पर राहत कार्य चलाकर अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके।
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प्रधानमंत्री, गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से बातकर लिया हालात का जायजा, दिया हरसंभव मदद का आश्वासन, पीएम ने बंगाल की रैली में जताया आपदा पर दुःख:-
उधर दूसरी ओर जोशीमठ में आपदा आने की सूचना मिलते ही राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात कर हालात का जायजा लिया। गृहमंत्री ने जहां दिल्ली से एनडीआरएफ, सेना एवं एयरफोर्स की टुकड़ियों को उत्तराखंड के लिए रवाना कर उन्हें युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए वहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा की घड़ी में केन्द्र सरकार उत्तराखंड के साथ खड़ी है। उन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आपदा में हताहत हुए लोगों के लिए शोक संवेदना व्यक्त की। पश्चिम बंगाल के हल्दिया में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम जहां गंगा के दूसरे छोर पर रैली के लिए एकत्र हुए वहीं गंगा का उद्गम स्थल उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे लगातार वहां के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, एनडीआरएफ और गृहमंत्रालय के सम्पर्क में हैं। सरकार इस बात पर पूरा जोर दे रही है कि राहत एवं बचाव कार्यों को पुरजोर से चलाएं जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में ऐसे परिवार कम ही देखने को मिलते हैं जिसका कोई न कोई सदस्य सेना में ना हों। वे उत्तराखंड के आपदाग्रस्त लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, आज पूरा देश उत्तराखंड के लिए प्रार्थना कर रहा है।
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