इन अलौकिक शक्तिओ की वजह से कहा जाता है माँ धारी देवी को उत्तराखण्ड की रक्षक और पालनहार
माँ धारी देवी से जुडी कथा – मंदिर में स्थित पुजारियों के अनुसार यह कथा है कि एक रात जब भारी बारिश के चलते नदी में जल बहाव तेज था। धारी गाँव के समीप एक स्त्री की बहुत तेज ध्वनि सुनाई दी , जिससे गाँव के लोग डर गए , कि किसी स्त्री के साथ कोई अनहोनी ना हो गयी हो । जब गाँव के लोगों ने उस स्थान के समीप जाकर देखा तो वहाँ गाँव के लोगों को पानी में तैरती हुई एक मूर्ति दिखाई दी । किसी तरह ग्रामीणों ने पानी से वो मूर्ति निकाली और मूर्ति निकालने के बाद कुछ ही पल में देवी आवाज ने उन्हें मूर्ति उसी स्थान पर स्थापित करने के आदेश दिये , तब से धारी गाँव के लोगों ने इस स्थल को धारी देवी का नाम दिया। (maa dhari devi uttarakhand)
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कुछ लोग जोड़ते है 2013 की उत्तराखण्ड त्रासदी से- प्राचीन देवी की मूर्ति के इर्द-गिर्द चट्टान पर एक छोटा मंदिर स्थित था। लेकिन मां धारी देवी का मंदिर अलकनंदा नदी पर बनी 330 मेगावाट श्रीनगर जल विद्युत परियोजना से झील के डूबने वाले क्षेत्र में आ गया। इस वजह से यहां से मां काली का रूप माने जाने वाली धारा देवी की प्रतिमा को 16 जून 2013 की शाम को हटाया गया। उस दौरान कुछ लोगों का कहना था कि प्रतिमा हटाने के कुछ घंटे के बाद ही उत्तराखंड में आपदा आई थी। हालांकि कुछ लोग इस बात को सिर्फ अंध विश्वास मानते हैं। (maa dhari devi uttarakhand)