जहाँ 21 दिसंबर को सरोवर नगरी नैनीताल में नैनीतालविंटर कार्निवाल का भव्य आयोजन किया गया था। वही मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में आए लोक कलाकारों ने अपने-अपने राज्यों की लोक संस्कृति की प्रस्तुति देकर पर्यटकों और मसूरी वासियों का मन मोह लिया। जहाँ मसूरी में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही उसके बावजूद भी मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में आए लोक कलाकारों ने लंढौर चौक, कुलड़ी, शहीद स्थल झूलाघर, गढ़वाल टैरेस और गांधी चौक बैंड स्टेंड पर अपने-अपने राज्यों की लोक संस्कृति की प्रस्तुति देकर पर्यटकों और मसूरी वासियों को अपना मुरीद बना लिया। नैनीतालविंटर कार्निवाल दक्ष कार्की ने अपनी सुन्दर प्रस्तुति देकर दर्शको का मन मोह लिया था।
बता दे की प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में विभिन्न इलाको से आये लोक कलाकारों ने लोक संस्कृति की छटा बिखेरी। मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल में कुमाउनी गढ़वाली , जौनसारी और हिमांचली इत्यादि की सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुति देखने को मिली। कुमाऊं से छलिया नृत्य की शानदार पेशकश देखने को मिली , जिसमे उत्तराखण्ड के सभी पुराने वाद्य यंत्रो का समावेश रहता है। पड़ोसी राज्यों ने भी अपनी लोकसंस्कृति की प्रस्तुति दी जिसमे हिमाचल प्रदेश के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में लोकगीत व नृत्य से ऐसा समां बांधा की दर्शक देर तक थिरकते रहे। पंजाब के लोक कलाकारों के भांगड़ा व गिद्धा लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में रंग जमा दिया। इसके अलावा गढ़वाल टैरेस पर सुबह सात बजे मसूरी स्पोर्ट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में विभिन्न आयुवर्गों में क्रासकंट्री दौड़ आयोजित की गई। दोपहर बाद माल रोड पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की केंद्रीय कराटे टीम ने मार्शल आर्ट की विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन कर दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया।