देवभूमि दर्शन
Nepal Gen-Z Protest: कौन है रेपर बालेन शाह जिन्हें अंतरिम PM बनाना चाहते हैं नेपाली युवा
balen balender Shah Nepal: Gen -Z ने हिला डाली नेपाल की सत्ता, प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया पद से इस्तीफा, बालेन शाह को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे Gen -Z, जाने कौन है बालेन शाह…
Civil engineer raper balen balender Shah biography who may be next Nepali PM aft KP Sharma Oli resign napal Gen-Z protest news today: भारत के पड़ोसी देश नेपाल से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर विदेशी 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन करने के बाद Gen -Z ने सत्ता को अपने उग्र आंदोलन के चलते हिला डाला है।जिसके चलते आज मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और अब वो देश छोड़ने की तैयारी में है। ऐसे में सत्ता किसे सौंपी जाए इसको लेकर बालेंद्र शाह का नाम सामने आ रहा है जिन्हें बालेन शाह के नाम से भी जाना जाता है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बालेंद्र शाह काठमांडू के मेयर है जो नेपाल में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। इतना ही नहीं बल्कि इसी वजह से वह किसी अन्य मेयर से अलग माने जाते हैं ,जहां पर वो सबसे बड़े आंदोलन के केंद्र में आकर खड़े हुए है। बालेन के कद और प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2023 में टाइम मैगजीन ने उन्हें अपने शीर्ष 100 शख्सियतों की सूची में शामिल किया था। इसके साथ ही द न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे विश्व प्रसिद्ध मीडिया संस्थानों ने भी उन्हें कर किया है। युवाओं के बीच उनके बड़े पैमाने पर फॉलोअर्स हैं अक्सर सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट राष्ट्रीय स्तर पर बहस तक छेड़ देते हैं और तेजी से ट्रेड करने लगते हैं। उनकी जीवन शैली से लेकर रहन-सहन का स्टाइल सब कुछ युवाओं के लिए रोल मॉडल की तरह उभरता है जिसकी वजह से इस बड़े आंदोलन को बालेन ने बड़ी आसानी से अपना समर्थन देकर हाईजैक किया।
इंजीनियर से रैपर और मेयर तक का रहा बालेन का सफर
बालेन ने अपने करियर की शुरुआत एक सिविल इंजीनियर के तौर पर की इसके बाद उन्होंने रैपर के रूप में अपनी किस्मत आजमाई और इसके बाद उन्होंने राजनीति में आने का महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए काठमांडू से मेयर पद का चुनाव लड़ा जिसे उन्होंने आसानी से जीता। राजनीति में उनकी लोकप्रियता युवाओं के बीच अच्छी खासी देखने को मिलती है।
इंडियन सिनेमा का भी कर चुके बालेन विरोध
वर्ष 2023 मे एक रामायण की कहानी से प्रेरित आदि पुरुष नाम की फिल्म आई थी उस वक्त काठमांडू के मेयर बालेन ने फिल्म के डायलॉग पर आपत्ति जताते हुए उसे फिल्म से हटाने की मांग की थी। इतना ही नहीं बल्कि ऐसा ना करने के बदले उन्होंने चेतावनी दी थी कि नेपाल और काठमांडू में कोई भी भारतीय फिल्म नहीं चलने देंगे।
आंदोलन का महत्वपूर्ण केंद्र बने बालेंद्र शाह (बालेन)
बताते चले नेपाल में राजनेताओं ने बच्चों की असाधारण जीवन शैली के खिलाफ सोशल मीडिया पर Nepokid ट्रेड करने लगा। यहाँ तक की सरकार ने इंटरनेट और सोशल मीडिया दोनों को नियंत्रित करने की कोशिश की जिसकी बाद zen -z ने देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच सरकार की कठोर प्रक्रिया सामने आई जिसमे 20 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए। बालेन ने इस पूरे आंदोलन को अपना समर्थन दिया और ऐसे में उन्हें हीरो के तौर पर युवाओं ने पेश किया। काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसला के खिलाफ रैली के प्रति अपना पूरा समर्थन दिखाया था।हालांकि बालेन ने कहा की आयु सीमा के कारण वह इसमें भाग नहीं ले सकते हैं जिन्होंने zen z की आयु 28 वर्ष से काम निर्धारित की है फिर भी वे उनकी आवाज सुनना महत्वपूर्ण समझते हैं।
युवाओं के हीरो बने बालेन
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेंद्र शाह से मेयर पद से इस्तीफा देने और राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने का आग्रह करने वाले पोस्टों की बाढ़ आ चुकी है। जिसके तहत नेपाली युवा उनसे मांग कर रहे हैं की नई राजनीतिक पार्टी बनाने और देश का नेतृत्व करने के लिए आगे आए। उनका कहना है कि तीन राजनीतिक पार्टियां देश का नेतृत्व करने में विफल रही है ऐसे में बालेन को नई दिशा देने के लिए आगे आना चाहिए।
ओली बालेन के बीच शुरू हुआ था विवाद
ओली और बालेन के बीच विवाद तब शुरू हुआ था जब काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी ने नगर पालिका के नियमों का उल्लंघन करने वाली अवैध रूप से निर्मित इमारत और व्यावसायिक विज्ञापनों को हटाना शुरू किया। इस दौरान बालेन को समझने का कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने अनधीकृत संरचनाओं को गिराने के लिए नगर पालिका को भेजा था। इस हाई प्रोफाइल विध्वंस मे नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ा व्यक्ति शामिल था और कुछ ही दिनों के भीतर यूएमएल केंद्रीय समिति के सदस्य महेश बसनेत ने सार्वजनिक रूप से बालेन को धमकी दी कि अगर उन्होंने अपने तौर तरीके नहीं बदले तो उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाया जाएगा। तब बालेन ने सार्वजनिक भूमि खासकर नदी के किनारो पर बसे अवैध निवासियों को बेदखल करने का कदम उठाया कुछ लोग वास्तव में बेघर थे तो कई राजनीतिक रूप से जुड़े हुए थे जो अवैध रूप से कब्जे वाली जमीन पर व्यवसाय और बहुमंजिला इमारत चला रहे थे। इस दौरान ओली ने मौके का फायदा उठाया और इस प्रकरण में बालेन पर गरीबों पर हमला करने का आरोप लगाया।
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