Uttarakhand : तबीयत अचानक खराब होने से चमोली(Chamoli) में 18 किमी पैदल, बर्फबारी(Snowfall) के बीच डंडी के सहारे महिला को पहुंचाया अस्पताल
अलग राज्य बनने के 20 वर्ष बाद भी उत्तराखण्ड(Uttarakhand) के पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं यथा: सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की कमी है। जिसके कारण न सिर्फ पर्वतीय गांवों से लगातार पलायन हो रहा है और गांव के गांव खाली हो रहे हैं वहीं इसका खामियाजा ग्रामीणों को भी उठाना पड़ रहा है। आपात स्थिति में कई बार तो सड़क सुविधा ना होने के कारण ग्रामीण अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड देते हैं। आज फिर राज्य के चमोली(Chamoli) जिले के डुमक गांव से एक ऐसी ही दुर्दांत तस्वीर सामने आ रही है जहां सड़क न होने के कारण एक महिला की तबीयत अचानक बिगड़ने पर ग्रामीणों ने उसे 18 किमी पैदल चलकर डंडी के सहारे उसे विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय पीपलकोटी पहुंचाया। इस दौरान जहां महिला दर्द से कराहती रही वहीं बारिश बर्फबारी(Snowfall) होने से ग्रामीणों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चमोली जिले के डुमक गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जिसका खामियाजा अक्सर ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। बीते शनिवार को भी गांव की ही विनीता देवी पत्नी दिनेश सनवाल की तबीयत अचानक खराब हो गई। गांव के आसपास स्वास्थ्य सुविधा न होने और सड़क के अभाव में ग्रामीणों ने बीमार महिला को कुर्सी और लकड़ी के डंडों से बांधकर तैयार की गई डंडी में बैठाया और उसे अस्पताल ले जाने लगे। बता दें कि बीते शनिवार को गांव में सुबह से बारिश के जबकि रास्ते में कई जगह पर जोरदार बर्फबारी भी हो रही थी। जिस कारण ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा। बावजूद इसके ग्रामीणों ने बीमार महिला को करीब 18 किमी पैदल चलकर ग्रामीणों ने महिला को स्यूणा बैमरु गांव तक पहुंचाया। जहां से उसे वाहन की सहायता से पीपलकोटी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां अभी भी उसका उपचार कर रहा है। इस दौरान उन्हें गांव के पैदल रास्ते पर पड़ने वाली रुद्रगंगा को भी पुल ना होने की वजह से जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ा।
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