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Happy Ghee Sankranti Wishes 2025| उत्तराखंड लोक पर्व घी संक्रांति की शुभकामनाएं |Images|
Happy Ghee Sankranti best Wishes 2025 hindi images photos Quotes: इस बार रविवार 17 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा घी त्यौहार, अपनों को दें लोकपर्व घी संक्रांति की शुभकामनाएं…
घी संक्रांति त्यौहार की शुभकामनाएं Happy Ghee Sankranti festival Wishes 2025:
उत्तराखंड में हर साल भाद्रपद संक्रांति के दिन यानी भाद्रपद मास के पहले दिन को ‘घी संक्रांति’, ‘ओलगिया संक्रांति’ या ‘घ्यूं त्यार’ ‘ओलगिया त्यौहार’ के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व इस वर्ष रविवार 17 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन आप निम्न शुभकामना संदेशों से अपने चिर-परिचित, नाते-रिश्तेदारों और मित्रगणों को घी संक्रांति की बधाई दे सकते हैं।
1. “घी की मिठास, पर्वों की आस,
देवभूमि का लोकपर्व खास।
ओलगिया की हार्दिक शुभकामनाएं!”
2.”दाल में घी, थाली में भात,
संक्रांति का पर्व करे सबका साथ।
घी संक्रांति की ढेरों बधाई!”
3. “जै जै कारा, ओलगिया पर्व हमारा,
स्नेह, समर्पण और परंपरा का प्यारा नजारा।
शुभकामनाएं!”
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घी संक्रांति त्यौहार शायरी(Ghee Sankranti Sayari quotes images)
1. पर्व है ओलगिया, संक्रांति का त्योहार,
घी-भात से भरता घर-परिवार।
धार की परंपरा, लोक संस्कृति का श्रृंगार,
उत्तराखंड की माटी से जुड़ता हर विचार।
2. घी से चिकनी थाली, रोटी पर घी की धार,
बचपन की यादें, लोक पर्वों का श्रृंगार।
ओलगिया आई, परंपरा संग लाई,
देवभूमि की मिट्टी ने फिर खुशबू उड़ाई।
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एक पंक्ति में शुभकामनाएं
“घी की धार, परंपरा का उपहार – ओलगिया की शुभकामनाएं!”
“हर घर हो रौशन, हर थाली में स्वाद – घी संक्रांति की हार्दिक बधाई!”
“लोक परंपराएं हों ज़िंदा, रिश्तों में हो मिठास – ओलगिया मुबारक!”
“परिवार, प्रकृति और परंपरा का संगम है घी संक्रांति – आपको ढेरों शुभकामनाएं!
“
घी संक्रांति की शुभकामना (गढ़वाली)(Ghee sankranti wishesh Garhwali)
1. “घी-बात खा, मन मस्त कर,
ओलगिया कै दिन, खुशियां भर।
घी संक्रांति की गढ़भूमि सौं बधाई!”
2. “बसेरा हो सुख-शांति को, थाली में घी-बात हो,
घी संक्रांति ल्याली, सुख-सौभाग्य ले ल्याली।”
गढ़वाली शायरी
घी संक्रांति आयी, बात घ्यूं मा भिगी,
धार का त्योहार, घर-घर मा छायी खुशी।
बूढ़-बूढ़ी, नानी-दादी बतैं कहानी,
गनेल की कथा मा छुपी परंपरा पुरानी।
घी संक्रांति की शुभकामना (कुमाऊंनी( Ghee sankranti wishesh kumaoni)
1. “घी बात खा, ओलगिया मनौ,
सौभाग्य-समृद्धि को त्योहार हर घर ल्यौ!”
2. “ओलगिया आयो, घी कै धार ल्याई,
पर्व परंपरा सौं, परिवार मा खुशबू छाई!”
घी बात, रोटी मा घी, थाली सज्यौ प्यार सौं,
ओलगिया आयो, लोक त्यौहार लियो उपहार सौं।
बचपन की याद, नानी की बात,
गनेल बनै जाल घी ना खाय जौं आज रात।
गढ़वाली-कुमाऊंनी एक पंक्ति में शुभकामना संदेश
“घी खा, खुशी बटा — ओलगिया की हौंस बधाई!”
“गनेल नि बनण, घी बात खा — लोक परंपरा निभा!”
“धार-कांठ का त्योहार — ओलगिया, स्नेह और स्वाद का उपहार!”
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