प्रदेश में अभी विभिन्न विभागों में साढ़े छह हजार से अधिक होमगार्ड्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन विभागों में पुलिस, परिवहन, सचिवालय व संचार आदि शामिल हैं। इन होमगार्ड्स से सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ ही विभागों में सुरक्षा एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्य लिया जा रहा है। अभी तक इन्हें 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा था। बता दे की बुधवार को उत्तराखंड कैबिनेट बैठक आयोजित की गई जिसमें होमगार्ड को 18000 मानदेय देने का कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है। जी हां अब होमगार्डों को प्रतिदिन 600 रुपये और मासिक 18 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, हिमाचल समेत देश के कई प्रदेशों में होमगार्ड्स के मानदेय में बढ़ोतरी की जा चुकी थी। जिसके चलते उत्तराखण्ड सरकार ने भी प्रदेश के होमगार्ड्स को यह सौगात दी।
सरकार ने बढ़ाए ये दो भत्ते: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को होमगार्ड के वर्दी धुलाई भत्ता में 50 रुपये एवं पौष्टिक आहार भत्ते में 150 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी की घोषणा की। यहां होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित परेड का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि होमगार्ड्स कड़ी मेहनत एवं लगन के साथ राज्य की कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग देने के अलावा आपदा, वनाग्नि, धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बताते चले की तकरीबन तीन वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में होमगाड्र्स को पुलिस के समान वेतन दिए जाने का निर्णय सुनाया था। कुछ राज्यों ने इसका अनुपालन किया और कुछ ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इस पर होमगार्ड्स ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पक्ष बने उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों को आठ सप्ताह के भीतर निर्णय का अनुपालन करने को कहा था। इसी के चलते उत्तराखंड में तैनात 6500 होमगार्ड्स को पुलिस कांस्टेबल के समान न्यूनतम वेतन देने पर वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। उन्हें 18 हजार रुपये प्रति माह न्यूनतम मानदेय दिया जा सकता है।