Neha bhandari BSF Pithoragarh: उत्तराखंड की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी नेहा भंडारी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चौकी से खदेडी थी पाकिस्तान सेना, जानें कौन है नेहा...
Neha bhandari BSF soldier operation Sindoor : उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले की रहने वाली व तीसरी पीढ़ी की अधिकारी नेहा भंडारी को बीएसएफ का हिस्सा होने और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर के परगवाल क्षेत्र की सीमा चौकी की जिम्मेदारी सौंप गई थी जिन्होंने सैनिकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकी की कमान संभाली। इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तान सेना को खूब खदेडा जो बेहद गर्व की बात है। नेहा के दादा सेना में सेवारत थे जबकि उनके माता-पिता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में तैनात है और नेहा तीसरी पीढ़ी की अधिकारी है। नेहा बताती है कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है उन्होंने तीन दिनों तक चले ऑपरेशन मे पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पुरुष के समक्ष कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया।
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बता दें नेहा ऑपरेशन के दौरान जम्मू कश्मीर सीमा पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अग्रिम चौकी की कमान सम्भालने वाली एकमात्र बीएसएफ महिला अधिकारी थी जिन्होंने पाकिस्तानी चौकियों पर गोलाबारी में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। हालांकि नेहा के पास बटालियन मुख्यालय में जाने का विकल्प था लेकिन उन्होंने इसे ठुकराते हुए अग्रिम चौकियों पर ही रहने का फैसला लिया और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया । अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास दुश्मन के ठिकानों पर हमला करके नेहा ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। बीएसएफ की महिला सैनिकों ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके लिए वह सीमाओं की रक्षा के लिए अग्रिम पंक्ति पर बंदूक ताने डटी रही । कांस्टेबल शंकरी दास ने कहा की हमारी अपनी ड्यूटी थी हम सीमा पर तैनात है और अपने कार्यों को हमेशा पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ कमांडरों की ओर से उन्हें सूचित किया गया कि कभी भी गोलाबारी हो सकती है जिसका जवाब देने के लिए उन्हें तैयार रहने के निर्देश दिए गए थे। बताते चले सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र त्रिवेदी ने बीते शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को प्रतिष्ठित पत्र प्रदान किया जो उन्हें पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके साहस के लिए दिया गया है। नेहा बचपन से सेना की वर्दी पहनना चाहती थी जो 2022 मे BSF असिस्टेंट कमांडेंट बन गई थी।
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