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Uttarakhand news: Haldwani Ring Road has not been laid since the year 2017, now the budget is 2100 crores

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी

उत्तराखंड: वर्ष 2017 से सपना बनकर रह गई हल्द्वानी रिंग रोड, अब बजट चाहिए 2100 करोड़

Haldwani Ring Road: 2017 से एक ईट भी नहीं रखी गई हल्द्वानी रिंग रोड की , उस वक्त 400 करोड़ का बजट अब बन चुका है 2100 करोड़.

सरकारों और जनप्रतिनिधियों की कुछ योजनाएं जहां केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती है वहीं कुछ अन्य योजनाओं में अनेकों अड़चनें आने के कारण न सिर्फ इनके क्रियान्वयन में हुई देरी से आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है बल्कि समय बीतने के साथ ही इन योजनाओं की लागत भी लगातार बढ़ती रहती है, जिससे अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। आज हम आपको ऐसी ही वर्षों से लंबित पड़ी एक और महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में बताने जा रहे हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में प्रस्तावित रिंग रोड की, जिसका निर्माण ना होने से जहां हल्द्वानी के लोगों को आए दिन जाम का सामना करना पड़ रहा है वहीं 5 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा घोषित 400 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना की लागत भी आज बढ़कर लगभग 2100 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। दोनों ही परिस्थितियों में सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता का ही हो रहा है।(Haldwani Ring Road)
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बता दें कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी वासियों को तेजी से बढ़ती जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए 22 अप्रैल 2017 को शहर में रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा कर खूब वाहवाही लूटी थी। उस समय आगणन के दौरान इस परियोजना के निर्माण की लागत लगभग 400 करोड़ आंकी गई थी। हमेशा की तरह मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद इसको कार्यन्वित करने का कार्य तेजी से शुरू हो गया। सर्वे और भौतिक परीक्षण का कार्य तेजी से शुरू किया गया। परंतु समय बीतने के साथ ही बात आई-गई हो गई। बता दें कि हाल ही में सामने आई अंतिम सर्वे रिपोर्ट में लगभग 51 किमी लंबाई की‌ इस महत्वाकांक्षी परियोजना की लागत 400 करोड़ से बढ़कर अब 2100 करोड़ का आंकी गई। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि हर साल सर्किल रेट बढऩे की वजह से इसका बजट भी बढ़ता गया क्योंकि इसके लिए वन भूमि के साथ निजी भूमि भी अधिग्रहीत होनी थी। जिस कारण बजट के भविष्य में और अधिक बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस रिंग रोड का निर्माण काठगोदाम से मोटाहल्दू के मध्य प्रस्तावित है।
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