Rishikesh Glass Bridge: ब्रिज के दोनों ओर बनेगा कांच का फुटपाथ, बीच के पांच मीटर लेन में दौड़ेंगे वाहन, आईए जानते हैं इसकी खूबियों के बारे में….
प्रगति के पथ पर अग्रसर उत्तराखण्ड में जहां नए नए पुलों, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं रेल परियोजनाओं का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है वहीं आज ऋषिकेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जिसके मुताबिक जल्द ही ऋषिकेश में मां गंगा के दर्शन कांच के पुल पर खड़े होकर किए जा सकेंगे। जी हां… लोक निर्माण विभाग की ओर से ऋषिकेश में बजरंग सेतु का निर्माण किया जा रहा है। बता दें कि यह न केवल लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा बल्कि इसे भारत के पहले ग्लास ब्रिज का गौरव भी हासिल होगा। सबसे खास बात तो यह है कि 132 मीटर लंबे इस कांच के बजरंग सेतु का 62 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है। कहां जा रहा है कि जुलाई 2023 तक इसका शत प्रतिशत कार्य पूरा हो जाएगा, जिसके बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
(Rishikesh Glass Bridge)
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बता दें कि ऋषिकेश में लोक निर्माण विभाग की ओर से भारत के पहले कांच के पुल बजरंग सेतु का निर्माण कार्य किया जा रहा है। बीते दिनों लोनिवि एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बजरंग सेतु का औचक निरीक्षण करते हुए बताया कि 69.20 करोड़ की लागत से बनने वाले बजरंग सेतु इंजीनियरिंग का शानदार नमूना होने के साथ हाईटेक तकनीक वाला देश का पहला कांच का फुटपाथ पुल होगा। उन्होंने बताया कि 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाले इस सेतु के टावर में जहां केदारनाथ धाम की आकृति देखने को मिलेगी वहीं इस थ्री लेन पुल के दोनों ओर 65 मिमी मोटे कांच का फुटपाथ जबकि पुल के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए होगी। पुल के टावर की ऊंचाई 27 मीटर होगी। विदित हो कि अप्रैल 2022 को प्रशासन ने जर्जर हो चुके 92 साल पुराने लक्ष्मणझूला पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया था। जिसके बाद अब नवनिर्मित बजरंग सेतु इसका भी एक अच्छा विकल्प बन सकेगा। इस पर खड़े रहकर स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटक 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे।
(Rishikesh Glass Bridge)
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