Kedarnath Hemkund Sahib ropeway project: केंद्र सरकार ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट व हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट को दी मंजूरी, चंद मिनटों में पूरी होगी कई घण्टों की यात्रा, तीर्थ यात्रियों की राह होगी आसान….
Kedarnath Hemkund Sahib ropeway project : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है जिसके तहत इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अब तीर्थ यात्री धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए रोपवे का उपयोग कर सकेंगे जिससे पहले की तुलना में यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट से ना केवल यात्रियों की राह आसान होगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा इसके साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। इन प्रोजेक्ट्स में आधुनिक तकनीकी उपाय का इस्तेमाल किया जाएगा जिसे सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए अब तीर्थ यात्री बिना कठिनाई के इन स्थानों तक पहुंच सकेंगे।
यह भी पढ़े : Good news: केदारनाथ में बनने जा रहा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बाबा केदार की राह होगी आसान
बता दें बीते बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें केदारनाथ रोपवे परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंजूर दी है। दरअसल यह परियोजना 12.9 किलोमीटर लम्बी होगी जिसमे 4081 करोड रुपए का खर्चा आएगा । ये रोपवे परियोजना सोनप्रयाग से शुरू होगी जो केदारनाथ तक जाएगी। रोपवे परियोजना को सार्वजनिक और निजी भागीदारी से विकसित किया जाएगा जबकि हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 2730 करोड रुपए की मंजूरी दी गई है। यह प्रोजेक्ट 12.4 किलोमीटर लंबा होगा। बताते चले केदारनाथ रोपवे परियोजना मे सबसे आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। जिसे ट्राई केबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से निर्मित किया जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि इस रोपवे मे हर घंटे एक तरफ से कुल 1800 लोग यात्रा कर सकेंगे जबकि पूरे दिन 18000 लोग यात्रा कर सकेंगे। रोपवे के बन जाने से केदारनाथ धाम पहुंचने मे 8 9 घण्टे का सफर महज 36 मिनट का रह जाएगा। बताते चलें रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी क्योंकि यह लंबी दूरी को आसानी से तय कर सकेगी। इसके साथ ही यह परियोजना पर्यावरण अनुकूल और आरामदायक तो होगी ही वहीं इस परियोजना की वजह से कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। आपको जानकारी देते चलें गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर रोपवे को मंजूरी मिली है गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा। इसके बाद इसे घांघरिया से हेमकुंड साहिब (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा। हर घंटे एक दिशा में 1,100 और पूरे दिन 11000 यात्री सफर कर सकेंगे। अभी तीर्थयात्रियों को गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 21 किलोमीटर की कठिन यात्रा करनी पड़ती है जिसकी राह अब आसान हो जाएगी।