uttarakhand: परेशान युवाओं ने मुख्यमंत्री से लगाई घर वापस ले जाने की गुहार, सोशल मीडिया में अपलोड किया एक भावुक विडियो..
हम गुजरात के राजकोट में फंसे हैं, यहां कोरोना महामारी विकराल रूप ले रहीं हैं। यहां हमारे पास न तो खाना खाने के पैसे हैं और ना ही रूम में इतनी जगह की हम सामाजिक दूरी का पालन कर सकें। मुख्यमंत्री जी आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि हमें अपने घर अपने राज्य वापस ले जाए अन्यथा हम यहां कोरोना से मर जाएंगे। ये गुहार लगाई है उत्तराखण्ड के उन युवाओं ने जो लाकडाउन के चलते गुजरात में फंसे हुए हैं। जी हां.. गुजरात के होटलों में काम करने वाले राज्य के प्रवासी युवाओं द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुहार लगाने वाली एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन प्रवासियों ने राज्य सरकार से उन्हें सुरक्षित उत्तराखण्ड पहुंचाने की गुहार लगाई है। अपील करने वाले युवाओं ने खुद को खटीमा, टनकपुर, चंपावत, धारचूला और पिथौरागढ़ का बताया है। बता दें कि लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न राज्यों में बहुत से प्रवासी फंसे हुए हैं। इन प्रवासियों में भी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव होटल में काम करने वालों तथा दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले मजदूरों पर पड़ा है।
जनप्रतिनिधियों से भी की है घर तक पहुंचाने की करबद्ध प्रार्थना:-
बता दें कि गुजरात के राजकोट में बहुत से प्रवासी उत्तराखण्डी अभी भी फंसे हुए हैं। होटल में काम करने वाले ऐसे ही कुछ प्रवासी युवाओं ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से घर वापसी की गुहार लगाई है। खुद को राज्य के विभिन्न जनपदों का बताने वाले इन प्रवासी युवाओं का कहना है कि वह सभी राजकोट के अलग-अलग होटल में काम करते हैं और लॉकडाउन में होटल बन्द होने के कारण बुरी तरह से फंस गए हैं। उनके होटल भी यहां से बहुत दूर है और बेरोजगार होने के कारण अब राशन की व्यवस्था करना पड़ना भी मुश्किल हो गया है। मुख्यमंत्री और अपने-2 क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से हाथ जोड़कर निवेदन करते हुए वे कहते हैं कि यूपी-बिहार की सरकारों की तरह आप भी हमें सुरक्षित उत्तराखण्ड ले जाने की कृपा करें। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए वे कहते हैं कि आप चाहें तो हमें एक महीने तक उत्तराखण्ड में कहीं भी क्वारंटीन करके रखे परंतु यहां से कैसे भी ले जाए, वहां हम क्वारंटीन सेंटर में ही सही लेकिन कम से कम सुरक्षित तो रहेंगे।