mark zuckerberg neem karoli baba story: उत्तराखंड के नैनीताल मे स्थित कैंची धाम में होते है कई सारे अलौकिक चमत्कार जो पूरी करते है हर मुराद, फेसबुक और एप्पल के मालिक हुए नतमस्तक…………………..
mark zuckerberg neem karoli baba story: देवभूमि उत्तराखंड को यूँ ही नही चमत्कारों की भूमि कहा जाता है यहाँ पर लोगों ने स्वयं की आंखों से चमत्कार होते हुए देखे हैं जिसके चलते लोगों को देवभूमि के तमाम मंदिरो पर अत्यधिक विश्वास होता है। ऐसा ही एक चमत्कारिक अलौकिक शक्तियों से परिपूर्ण मन्दिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले मे स्थित कैंची धाम भी है। जहां पर बाबा नीम करौली के भक्त दुनियाभर से सात समंदर पार कर मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं और ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर आने वाला भक्त कभी खाली हाथ वापिस नही लौटता है। इतना ही नही कैंची धाम मे फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग समेत एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स भी बाबा के चमत्कारों के आगे नतमस्तक हुए हैं।
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एप्पल नाम के पीछे भी बाबा:-
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एप्पल के को- फाउंडर स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फरवरी 1955 को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को मे हुआ था लेकिन कैंसर से पीड़ित होने के कारण उनकी मृत्यु 5 अक्टूबर 2011 में हो गई थी। दरअसल इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें जीवन का ज्ञान भारत से मिला था। वर्ष 1974 में कुछ बड़ा पाने की चाहत लेकर स्टीव जॉब्स भारत आए थे जहां पर वह अपने दोस्तों के साथ ज्ञान लेने के लिए उत्तराखंड के नैनीताल जिले मे स्थित नीम करौली बाबा के कैंची धाम आश्रम में पहुंचे थे क्योंकि वह बाबा के अलौकिक चमत्कार और विचारों से काफी ज्यादा प्रभावित हुए थे। वहां पर उन्हें ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ एन योगी नाम की किताब मिली जिसको उन्होंने कई बार पढ़ा और इसी किताब के बारे में स्टीव जॉब्स ने बताया था कि इसे पढ़ने से उनका सोचने और विचार करने का नजरिया बदल गया था। इतना ही नही एप्पल के लोगो का आईडिया स्टीव को बाबा नीम करौली के आश्रम से ही मिला था ऐसा कहा जाता है कि नीम करौली बाबा को सेब अत्यधिक पसंद थे और वह इसे बड़े चाव से खाया करते थे जिसके चलते स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगो के लिए आधा कटे हुए एप्पल को चुना था।
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फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग पहुंचे थे कैंची धाम:-
27 सितंबर 2015 को जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फेसबुक के मुख्यालय में थे तो उस समय बातों का दौर चल रहा था इसी दौरान जुकरबर्ग ने कहा था कि जब वे फेसबुक को बेचने के संशय में थे तो तब उन्हें एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने भारत के एक मंदिर में जाने की सलाह दी थी और वहीं से इन्हें कंपनी के लिए नया मिशन मिला था। जुकरबर्ग भारत में एक महीने तक रहे इस दौरान वह कैंची धाम मंदिर में गए जिसकी सूचना मंदिर के कुछ ट्रस्टी लोगों को मिली जिसके दौरान उनकी कैंची धाम आश्रम में रहने की व्यवस्था की गई। जब मार्क यहां एक दिन के लिए आए थे तो उनके पास एकमात्र पुस्तक थी जुकरबर्ग एक दिन के लिए आए तो थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण वह कैंची धाम में दो दिन रुक गए जिसके चलते जुकरबर्ग और कैंची धाम के बीच के संबंधों का खुलासा कर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बताया कि उस समय मैं बहुत निराश था हालात यहां तक पहुंच गए थे कि मैंने फेसबुक को बेचने का मन बना लिया था लेकिन जैसे ही मुझे नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आश्रम जाने की सलाह मिली तो मै वहाँ पहुँच गया और वहां से मुझे फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली।