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Uttarakhand news: shobha arya from rajoura almora qualified UGC NET exam

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उत्तराखंड-घर की आर्थिक स्थिति से उभरकर शोभा ने पहले ही प्रयास में UGC नेट परीक्षा की उत्तीर्ण

UTTARAKHAND: पेंटर पिता ने मेहनत मजदूरी कर शोभा को पढ़ाया, कभी लैंप के सहारे पढ़कर परीक्षा देने वाली शोभा ने पहली बार में ही यूजीसी नेट (UGC NET EXAM) क्वालीफाई कर पिता का मान बढ़ाया..

किसी ने खूब कहा है, “परेशानियां लाख रास्ता रोंकती चलें लेकिन ईश्वर एक रास्ता बंद करता है तो हजार खोल देता है बस जरूरत हौंसलों के साथ आगे बढ़ने की होती है।” यह बात तब और भी ज्यादा सार्थक सिद्ध हो जाती है जब अभावों में जीवन बिताने वाले किसी गरीब परिवार के शख्स ने कामयाबी के शिखर को चूमा हों। जी हां.. आज हम आपको राज्य (UTTARAKHAND) की एक और ऐसी ही गरीब परिवार में पली-बढ़ी बेटी से रूबरू करा रहे हैं जिसने अपनी लगन, मेहनत और कुशाग्र बुद्धि के बलबूते पहली बार में ही यूजीसी नेट के परीक्षा परिणामों (UGC NET EXAM) में सफलता प्राप्त कर न केवल अपने संघर्षशील पेंटर पिता का नाम रोशन किया है बल्कि अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से वह अभावों में पलने-बढ़ने वाले हजारों युवाओं की प्रेरणास्त्रोत भी बन गई है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के अल्मोड़ा जिले की रहने वाली शोभा आर्या की, जिसने पहली बार में ही यूजीसी नेट क्वालीफाई किया है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बचपन में लैंप के सहारे पढ़कर परीक्षा देने वाली शोभा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उसके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।
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बचपन से ही मेधावी छात्रा रही है शोभा, पिता के संघर्षों को देखकर हमेशा की कड़ी मेहनत और हर पड़ाव पर पाई सफलता:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के राजपुरा निवासी शोभा आर्या ने पहली बार में ही यूजीसी नेट के परीक्षा परिणामों में सफलता हासिल की है। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली शोभा के पिता ललित प्रसाद आर्या पेशे से एक पेंटर है जबकि शोभा की मां गीता देवी एक कुशल गृहिणी हैं। बेटी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से काफी खुश ललित बताते हैं कि उन्होंने मेहनत मजदूरी करके जैसे तैसे घर चलाया लेकिन बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। अपने चारों बच्चों को स्कूल भेजा और हमेशा इस बात का ख्याल रखा कि बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रहे। ललित के चारों बच्चों ने भी पिता के इस संघर्ष का मान रखते हुए कड़ी मेहनत और पूरी लगन से पढ़ाई करते हुए हमेशा सफलता हासिल की और अपने परिजनों का मान बढ़ाया। ललित बताते हैं कि बचपन से अव्वल दर्जे की छात्रा रही शोभा इससे पहले भी एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा से एमए तथा बीए में कॉलेज टॉप कर चुकी हैं। इस दौरान शोभा को 75 प्रतिशत अंक मिले थे। बताते चलें कि वर्तमान में कुमाऊं विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही शोभा की प्रारम्भिक शिक्षा जिले के एक सरकारी स्कूल से हुई। उन्होंने ‌इटरमीडिएट के परीक्षा परिणामों में भी प्रथम श्रेणी से प्राप्त कर अपने स्कूल में टॉप किया था।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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