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Uttarakhand news: Sonam Pandey started startup business in lohaghat Champawat, now state government will be give award.

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उत्तराखंड: सोनम पांडेय ने पहाड़ में शुरू किया ऐसा स्टार्टअप, अब राज्य सरकार करेगी पुरस्कृत

सोनम पांडेय ने कोराना की आपदा को अवसर में बदलकर पहाड़ में शुरू किया स्टार्ट अप (Startup business) ,उद्योग विभाग द्वारा उत्तराखंड के 12 सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप में हुआ चयनित…

देवभूमि उत्तराखंड के होनहार युवा भी अब स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाने लगे हैं। कोई वैज्ञानिक तरीके से जैविक खेती कर ‌अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहा है तो कोई न‌ए-न‌ए स्टार्ट अप के माध्यम से न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना रहा बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी रोजगार मुहैया करा रहा है। आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही प्रतिभावान बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने कोरोना काल की आपदा को न सिर्फ अवसर में बदलकर एक स्टार्ट अप (Startup business) शुरू किया बल्कि उसके इस स्टार्ट अप को उद्योग विभाग द्वारा उत्तराखंड के 12 सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप में भी चयनित किया गया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के चम्पावत जिले की रहने वाली सोनम पांडेय की, जो अब तक अपने न‌ए स्टार्ट अप के माध्यम से 150 युवाओं को रियायती दरों में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सिखा चुकी हैं। प्रदेश के 12 सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट अप में चयनित होने के बाद अब राज्य सरकार जल्द ही सोनम को 50 हजार रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान करेगी।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चम्पावत जिले के लोहाघाट ब्लॉक के गंगनौला गांव निवासी सोनम पांडेय के द्वारा कोरोना काल में बनाए गए स्टार्टअप को उद्योग विभाग द्वारा राज्य के 12 सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप में चयनित किया गया है। बता दें कि एमटेक की डिग्री हासिल कर चुकी सोनम पांडेय ने पिछले साल सितंबर में लोहाघाट में एक्टेकल प्राइवेट कंपनी की स्थापना की थी। इस संस्थान के माध्यम से सोनम, अतिथि शिक्षक गौरव पंत और दिव्यांशु सिंह के साथ मिलकर युवाओं को क्रिएटिव कंप्यूटिंग कोर्स, कोडिंग और ऑटोकैड में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सिखाती हैं। सबसे खास बात तो यह है कि संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को इसके लिए महज पांच सौ रुपए प्रतिमाह का शुल्क अदा करना पड़ता है, जो कि इसी तरह का प्रशिक्षण देने वाले ऑनलाइन संस्थानों से काफी कम है। बताते चलें कि सोनम के पिता नवीन पांडेय एक ग्रामीण डाक सेवक है। सोनम अपने संस्थान के माध्यम से अब तक 150 से अधिक युवाओं को कम्प्यूटर साफ्टवेयर कोर्स का प्रशिक्षण दे चुकी है।

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