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Uttarakhand: train will run between Bageshwar Tanakpur soon, CM Dhami met to the Union Railway Minister

PUSHKAR SINGH DHAMI

उत्तराखण्ड

चम्पावत

उत्तराखंड: बागेश्वर टनकपुर के बीच जल्द दोड़ेंगी ट्रेन, केंद्रीय रेल मंत्री से CM धामी ने की बात

फिर जगने लगी टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन की उम्मीदें, केंद्रीय रेल मंत्री (Railway minister) से मिलकर CM धामी (CM DHAMI) ने किया बड़ा अनुरोध..

आजादी के 75 वर्षों बाद भी पहाड़ के लोगों का टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का सपना साकार नहीं हो पाया। इसे बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि अलग राज्य बनने के बाद भी सरकारों द्वारा इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। अब गढ़वाल मंडल के पहाड़ी भू-भाग में रेल लाइन का निर्माण होने के बाद कुमाऊं के लोगों की भी यह हसरत पूरी होती दिख रही है। बीते रोज इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नवनियुक्त केंद्रीय रेल मंत्री (Railway minister) अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। अपनी बातचीत में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में प्रस्तावित बागेश्वर टनकपुर रेलवे लाइन का नेरोगैज लाइन सर्वे के बजाय ब्राडगेज लाइन सर्वे कराये जाने का अनुरोध रेल मंत्री से किया। इस दौरान मुख्यमंत्री (CM DHAMI) ने यह भी कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जिलों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए ऐसा किया जाना उचित होगा। इतना ही नहीं उन्होंने रेलमंत्री से ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल लाइन निर्माण की स्वीकृति देने का भी अनुरोध किया।
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बता दें कि बीते वर्षों में क‌ई बार टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे रेलवे द्वारा कराया जा चुका है। जब देश का अलग रेल बजट पेश होता था तभी से लगभग हर केंद्रीय बजट में इसके सर्वे की घोषणा रेल मंत्री द्वारा की जाती रही है। बीते वर्ष भी पुर्वोत्तर रेलवे द्वारा टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे कर रेलवे बोर्ड को भेज दिया था। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया था कि टनकपुर से बागेश्वर तक 6966.33 करोड़ की लागत से 154.58 लंबी रेलवे लाइन बिछाए जाने की बात कही गई थी। बता दें कि इस रेलवे लाइन के निर्मित होने से जहां चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर तक के जिले लाभान्वित होंगे वहीं पहाड़ के वाशिंदों का सफर भी सुगम हो जाएगा। विदित हो कि टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाइन बिछाने की मांग लंबे समय से कुमाऊँ की जनता उठा रही है। इसको लेकर बीते कई वर्षों से आंदोलन भी चल रहे हैं। जिसके दबाव में आकर रेलवे ने वर्ष 2006-07 में भी रेल लाइन का सर्वे किया था परंतु बावजूद इसके कुमाऊं के लोगों का यह सपना अभी तक परवान नहीं चढ़ सका है।

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