फिर घरों को वापस लौटने लगे उत्तराखण्ड प्रवासी (Uttarakhand Migrant), लाकडाउन/कर्फ्यू (Lockdown) के कारण एक बार फिर होने लगी वापसी..
लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण राज्य सरकारों की ओर से लगाई गई पाबंदियों के बाद उत्तराखण्डी प्रवासी (Uttarakhand Migrant) एक बार फिर अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। लेकिन इस बार हालात पिछले बार सरकार द्वारा लगाए गए देशव्यापी लाकडाउन (Lockdown) से बिल्कुल अलग है। 2020 में जहां लाकडाउन के समय जहां पर्वतीय जिलों में बड़ी संख्या में प्रवासी लौट रहे थे वहीं इस बार इनकी संख्या मैदानी जनपदों में अधिक है। बता दें कि इस बार राज्य सरकार ने पंचायतीराज विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में लौट रहे प्रवासियों की निगरानी की जिम्मेदारी दी है। सरकार के दिशा-निर्देशानुसार विभाग स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण के जरिए प्रदेश में लौट रहे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का विवरण जुटा रहा है। विभाग द्वारा अब तक जारी आंकड़ों के अनुसार बीते 21 अप्रैल से अब तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 15,136 लोग अपने गांव लौट चुके हैं जिनमें देहरादून जिले में सर्वाधिक 6363 लोग दूसरे प्रदेशों से अपने घरों को लौटे हैं जबकि हरिद्वार में इनकी संख्या 1555 है। इसके अतिरिक्त पौड़ी गढ़वाल जिले में 1393 तथा अल्मोड़ा जनपद में 1385 प्रवासियों की घर वापसी हुई है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण दूसरे राज्यों में रहने वाले उत्तराखण्ड के वाशिंदे तेजी से अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। राज्य के पंचायती राज विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 15136 प्रवासी अपने घरों की ओर लौट चुके हैं। बात विभिन्न जनपदों में हुई प्रवासियों की वापसी की करें तो विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अल्मोड़ा जिले में 1385, बागेश्वर जिले में 216, चमोली जिले में 232, चम्पावत जिले में 252, राजधानी देहरादून में 6363, हरिद्वार जिले में 1555, नैनीताल जिले में 1391, पौड़ी गढ़वाल जनपद में 1393 प्रवासी लोग अपने घरों को लौटे हैं जबकि पिथौरागढ़ जिले में 308, रुद्रप्रयाग जिले में 221, टिहरी गढ़वाल जिले में 612, उधमसिंह नगर जिले में 1096 तथा उत्तरकाशी जनपद में 112 प्रवासियों की घर वापसी हुई है। बता दें कि पिछले साल लाकडाउन के दौरान पहाड़ में कुल पौने तीन चार लाख से अधिक प्रवासी अपने घरों को लौटे थे। इस दौरान पौड़ी और अल्मोड़ा जिले में लगभग पचास-पचास हजार से अधिक प्रवासियों की घर वापसी हुई थी।
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