रक्षाबंधन(Rakshabandhan) के लिए दिल्ली, मुम्बई जैसें बड़े महानगरों से आ रहे हैं ममता की खूबसूरती ऐपण राखियों(Aipan Rakhi) के आर्डर
Rakshabandhan Special: एक दौर था जब उत्तराखंड में ऐपण कला सिर्फ घर के द्येलि चौखटो तक ही सिमित थी लेकिन आज की भावी युवा पीढ़ी ने जहाँ इसको कला के क्षेत्र में विशेष पहचान दी वहीं ऐपण कला को स्वरोजगार का भी एक सशक्त माध्यम बना दिया। आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की एक ऐसी होनहार बेटी की जिन्होंने मात्र एक वर्ष में ऐपण कला के क्षेत्र में विशेष पहचान बना ली है। जी हाँ हम बात कर रहे पिथौरागढ़ जिले के मुनाकोट निवासी ममता जोशी की जिन्होंने 5 वर्ष शिक्षण कार्य भी किया। एक शिक्षिका होने के साथ साथ उन्हें ऐपण कला में भी बेहद रुचि है। राखी का त्यौहार नजदीक है, और ममता की ऐपण कला से बनी खूबसूरत राखियाँ भाई – बहनों के कलाइयों पर सजने को तैयार हैं। बता दें कि ममता की ऐपण राखियाँ(Aipan Rakhi) सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी खासा पसंद की जा रही हैं।
यह भी पढ़े –उतराखण्ड: ममता ने पहाड़ की संस्कृति को संजोए हुए तैयार की खूबसूरत ऐपण राखियाँ
देवभूमि दर्शन से बातचीत: देवभूमि दर्शन से बातचीत में ममता बताती हैं कि उन्हें एपण कला में बचपन से ही बेहद रुचि थी। लेकिन पिछले लाकडाउन से उन्होंने इस पर और बारिकी से कार्य करना शुरू कर दिया। वो कहती हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र की अन्य महिलाओं व किशोरियों को भी एपण कला से सम्बन्धित निशुल्क प्रशिक्षण दिया। बताते चले की ममता की ऐपण राखियां लोगो द्वारा बेहद पसंद की जा रही हैं जिसकी वजह से ऐपण राखियों का आर्डर दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े महानगरों से आ रहे हैं। आप भी अगर ममता की खूबसूरत ऐपण राखियाँ अपने घर मंगाना चाहते हैं तो उनके सोशल मीडिया पेज पर संपर्क कर सकते हैं
यह भी पढ़े- पूजा ने अपने हुनर से ऐंपण कला को बनाया स्वरोजगार का जरिया, देश-विदेशो से हो रही डिमांड