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Uttarakhand news: Himani Bisht of almora became leftinent in Indian Army, got the first rank in whole country in the SSC exam.

अल्मोड़ा

उत्तराखंड: लमगड़ा की हिमानी बिष्ट सेना में बनीं लेफ्टिनेंट, प्रदेश को किया गौरान्वित

गौरवान्वित पल: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनी उत्तराखण्ड की हिमानी बिष्ट, एस‌एससी की परीक्षा में पूरे देश में पाया था पहला स्थान…

समूचे उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वाली एक खबर आज चेन्नई से सामने आ रही है जहां आफीसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर राज्य की एक और होनहार बेटी हिमानी बिष्ट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। जी हां.. आप बिल्कुल सही समझे, यहां बात उसी प्रतिभाशाली हिमानी की हो रही है जिसने बीते जनवरी माह में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एस‌एससी) की प्रवेश परीक्षा में समूचे देश में पहला स्थान प्राप्त कर न सिर्फ सेना में जाकर देशसेवा करने के अपने सपने को साकार किया था बल्कि समूची देवभूमि का मान भी बढ़ाया था। बता दें कि मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले की रहने वाली हिमानी बिष्ट बीते शनिवार को ओटीए चेन्नई में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के जैंती क्षेत्र के सिल्पड़ गांव निवासी हिमानी बिष्ट आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। बता दें कि सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिमानी का परिवार वर्तमान में देहरादून जिले के नई बस्ती क्लेमेनटाउन में रहता है। उनके पिता ध्यान सिंह बिष्ट जहां भारतीय सेना में हवलदार पद पर तैनात रहकर मां भारती की सेवा कर चुके हैं तथा वर्तमान में देहरादून में ही सर्वे ऑफ इंडिया में कार्यरत हैं वहीं उनकी मां वैजयंती बिष्ट एक कुशल गृहिणी हैं। बताते चलें कि अपनी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा स्कूली शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल क्लेमेंट टाउन देहरादून से प्राप्त करने वाली हिमानी ने स्नातक (बीएससी आइटी) और परास्नातक (एमसीए) ग्राफिक एरा हिल यूनिर्विसटी देहरादून से करने के पश्चात शॉर्ट सर्विस कमीशन प्रतियोगी परीक्षा दी थी। सबसे खास बात तो यह है कि वह सेना की वर्दी पहनने को इतनी लालायित थी‌ कि इसके लिए उन्होंने आइटी सेक्टर में विश्व की दो बेहतरीन कंपनियों में नौकरी का ऑफर तक ठुकरा दिया था। हिमानी ने अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजनों को दिया है।

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