Uttarakhand School Free Tablet: पहाड़ के 3339 स्कूलों में आज तक नहीं पहुंच पाई बिजली, ऐसे में कैसे मिलेगा ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा..
राज्य में हाल ही में विधानसभा चुनाव समाप्त हुए हैं। आपने भी पांचवीं विधानसभा के लिए मतदान कर नई सरकार का भविष्य ईवीएम में सुरक्षित रख दिया होगा लेकिन क्या आपने बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दों को देखकर अपना वोट दिया या केवल राजनीतिक दलों द्वारा वोट बैंक की राजनीति के लिए दिखाएं गए चुनावी मुद्दों को ही तव्वजो दी, ये बड़ी बात है, जिसका उत्तर आप अच्छे से जानते होंगे क्योंकि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। और वोट बैंक की राजनीति करने वाली हमारी अंधी सरकारें इस दिशा में कार्य ना कर निरंतर नई घोषणाओं कर रही है। बात अगर शिक्षा की क्षेत्र की करें तो शायद आपको याद ही होगा कि उत्तराखण्ड सरकार ने हाल ही में राज्य के 2.65 लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का ना केवल वादा किया था बल्कि इसके लिए डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। परंतु क्या आप जानते हैं कि इस तरह ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देने वाली हमारी सरकारें स्कूलों में बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दे पा रही है। ऐसे में यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि खस्ताहाल स्कूलों को ठीक करने के बजाय वहां के छात्रों के हाथ में टैबलेट थमा देने से कैसे शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है।
(Uttarakhand School Free Tablet)
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यू-डाइस (एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली) की ताज़ा रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसार, राज्य के अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़, नैनीताल समेत कई जिलों के 3339 स्कूलों में आज तक बिजली ही नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में कैसे आनलाइन शिक्षा को क्रियान्वित किया जा सकता है यह अपने आप में बड़ा सवाल है। इससे भी अधिक तो राज्य सरकार के उन बयानों से होती है जिनमें 709 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं और 500 स्कूलों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित करने की बात कही जा रही है। बता दें कि यू-डाइस (यूनिफाइड-डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) भारत सरकार द्वारा विकसित शिक्षा से संबंधित सूचना संकलन प्रणाली है। जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय, रसोई गैस जैसी बुनियादी सुविधाओं की जानकारियों को एकत्रित कर इसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है।(Uttarakhand School Free Tablet)
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