Rahul Bisht Indian Airforce: अल्मोड़ा के राहुल बिष्ट ने कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम, सेना से सेवानिवृत्त दादा को अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए दिया सफलता का श्रेय…
सैन्य क्षेत्रों में तैनात राज्य के वाशिंदे जहां एक ओर हमेशा से अपनी वीरता और शौर्य का अभूतपूर्व प्रदर्शन कर वीरभूमि उत्तराखंड का मान बढ़ाते रहते हैं वहीं दूसरी ओर इस तथ्य से आज हर कोई वाकिफ हैं कि राज्य के युवा सेना में जाकर देशसेवा करने को किस प्रकार लालायित रहते हैं। आए दिन राज्य के अनेकों युवाओं के सेना में भर्ती होने की खबरें हमारे सामने आती ही रहती है। ऐसी ही एक खबर आज राज्य के अल्मोड़ा जिले से सामने आ रही है, जहां का एक और होनहार बेटा वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बन गया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से भैसियाछाना ब्लॉक के गैनार सेराघाट गांव के रहने वाले डॉ. राहुल सिंह बिष्ट की, जिनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
(Rahul Bisht Indian Airforce)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के भैसियाछाना ब्लॉक के गैनार सेराघाट गांव निवासी डॉ. राहुल सिंह बिष्ट भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बन गए हैं। बता दें कि अपनी प्रारम्भिक शिक्षा हल्द्वानी से प्राप्त करने के उपरांत इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से करने वाले राहुल के पिता कृष्ण सिंह बिष्ट, जहां अपने गांव की आजीविका संस्था में बतौर चालक कार्य करते हैं वहीं उनकी मां हेमा बिष्ट एक कुशल गृहणी हैं। बताते चलें कि कि एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले राहुल ने अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय सेना से सेवानिवृत्त अपने दादा को दिया है, जिनकी प्रेरणा से ही उन्होंने आज यह मुकाम हासिल किया है। सबसे खास बात तो यह है कि राहुल दो बार एनडीए की लिखित परीक्षा भी पास कर चुके हैं परंतु दोनों बार मेडिकल में वह अनफिट हो गए, बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और वर्ष 2018 में ऑल इंडिया नीट परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने के उपरांत उनका चयन आर्म्ड फोर्सज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे में हो गया जहां से वह फ्लाइंग ऑफिसर बनकर पास आउट हो गए हैं। उन्हें पहली तैनाती एयरफोर्स कॉलेज बेंगलुरु के कमांड अस्पताल में मिली है।
(Rahul Bisht Indian Airforce)
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