Uttarakhand Engineer Chai Wala: स्वरोजगार के प्रेरणास्रोत बने रानीखेत के पंकज, वर्षों सरकारी नौकरी की तैयारी करने के बाद अब बने हल्द्वानी के इंजीनियर चाय वाले, रोडवेज स्टेशन में लगा रहे स्टाल, साथ में जारी है पढाई…
एक ओर जहां सरकारें लाखों युवाओं को नौकरी देने के दावे करती रहती है वहीं दूसरी ओर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को अपनी बढ़ती उम्र के कारण रोजगार के दूसरे संसाधनों को ढूंढने पर विवश होना पड़ता है। इनमें से कुछ युवा प्राइवेट नौकरी शुरू कर देते हैं तो कुछ होनहार युवा अपने दम पर कुछ बड़ा करने का सपना लिए स्वरोजगार की ओर अपने कदम बढ़ाने लगते हैं। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने दुनिया के तानों की चिंता छोड़कर अपना स्वरोजगार शुरू किया है। जी हां… हम आपको बात कर रहे हैं मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत निवासी एवं वर्तमान में हल्द्वानी में रहने वाले पंकज पांडेय की, जिन्होंने राजकीय पालीटेक्निक गरूड़ बागेश्वर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद बीते दिनों हल्द्वानी में रोडवेज स्टेशन के पास “इंजीनियर चाय वाला” के नाम से अपना स्टाल लगाना शुरू कर दिया है।
(Uttarakhand Engineer Chai Wala)
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बता दें कि पालीटेक्निक करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे पंकज पांडेय को जब दस वर्ष बाद भी कोई सफलता नहीं मिली तो उन्होंने परिजनों को सहारा देने के लिए स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाकर चाय का स्टाल लगाने का फैसला किया है। इस संबंध में पंकज का कहना है कि वह अभी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से भी कई विभागों में मैकेनिकल इंजीनियर की पोस्ट खत्म कर दी गई है, जिस कारण इस पद के लिए काफी कम पोस्ट निकल रही है। पंकज कहते हैं कि हर किसी के घर वालों का सपना रहता है कि बच्चा पढ़ लिखकर एक अच्छी नौकरी करे, लेकिन नौकरी न लग पाना एक चिंता का विषय बन रहा था, इसके अतिरिक्त उनकी उम्र भी लगातार बढ़ती जा रही थी। जिसको देखते हुए उन्होंने चाय का स्टाल शुरू करने का फैसला लिया और इसके लिए अपने घरवालों को भी समझाकर उनकी सहमति हासिल की।
(Uttarakhand Engineer Chai Wala)
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फिलहाल वह हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन में सुबह 5 से 9 तक और शाम को 7 से 10 तक अपना चाय स्टाल लगा रहे हैं। उनकी चाय को लोगों द्वारा भी पसंद किया जा रहा है। वह कहते हैं कि अभी उनके स्टाल पर दो प्रकार की चाय उपलब्ध हैं। जिनमें नॉर्मल चाय 10 रुपये की बेच रहे हैं जबकि उनके स्टाल पर कुल्हड़ वाली चाय की कीमत 20 से 25 रुपये हैं। उनका यह प्रयास लोगों को भी खासा पसंद आ रहा है यही कारण है कि शुरुआत में ही वह प्रतिदिन 400 से 500 रुपये की कमाई कर रहे हैं। वास्तव में पंकज जैसे मेहनतकश युवाओं का यह प्रयास राज्य के उन युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं जो अपनी समस्याओं के लिए भाग्य को दोष देते रहते हैं।
(Uttarakhand Engineer Chai Wala)