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अल्मोड़ा

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड: स्वरोजगार के प्रेरणा स्रोत बने भास्कर, कोर्स करने के बाद पहाड़ में खोला रेस्टोरेंट

Bhaskar Ramela Self Employment:

भास्कर ने होटल मैनेजमेंट करने के बाद अब अपने पहाड़ में ही खोला रेस्टोरेंट, स्वरोजगार को दिया बढ़ावा..

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जहां पलायन अपने चरम पर है जिसका मुख्य कारण है युवाओं के लिए रोजगार और अगर युवाओं द्वारा इसी को स्वरोजगार के माध्यम से पहाड़ में ही तलाश लिया जाए तो जरूर कुछ हद तक पहाड़ों से पलायन को रोका जा सकता है। जी हां.. आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के एक ऐसे युवा की जिन्होंने होटल मैनेजमेंट करने के बाद अपने ही पहाड़ में ‘भूल न जाना पहाड़ी खाना‘ नाम से अपना रेस्टोरेंट खोल स्वरोजगार की दिशा में अपने कदम बढ़ाए हैं। बता दें कि अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत सोमेश्वर के लोद निवासी भास्कर रमेला ने जीआईसी सलोज झुपुलचौरा लोद से 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण किया। इसके बाद वह होटल मैनेजमेंट के लिए हल्द्वानी चले गए। भास्कर ने वर्ष 2019 में आम्रपाली इंस्टिट्यूट हल्द्वानी से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। सबसे खास बात तो यह है कि कोर्स उत्तीर्ण करने के पश्चात उन्हें पुणे के एक पांच सितारा होटल से ऑफर भी आया लेकिन उन्होंने इसे इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि उनका अपने पहाड़ में ही स्वरोजगार करने का एक बड़ा सपना था। यह उनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि उन्होंने अपने दम पर इसे साकार भी कर लिया है।
(Bhaskar Ramela Self Employment)
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Uttarakhand news: lod someshwar bhaskar ramela started self employment of restaurant bhul na jana phadi khana

देवभूमि दर्शन से खास बातचीत:-(Self Employment Bhaskar Ramela)

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर के लोद निवासी भास्कर रमेला ने अपने क्षेत्र में ही रेस्टोरेंट खोलकर अपना नया स्वरोजगार शुरू किया है। देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में भास्कर कहते हैं कि उत्तराखंड के युवा अगर कोई भी कोर्स करके उसका उपयोग उत्तराखंड के अंदर ही करें तो इससे न केवल स्वरोजगार की ओर अग्रसर होंगे बल्कि उनके हुनर, काबिलियत और कड़ी मेहनत भी राज्य के लोगों के काम आएगी। इससे पहाड़ों से लगातार होते पलायन पर भी काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उनके रेस्टोरेंट में सीजन के मुताबिक पहाड़ी खाना लोगों को परोसा जाता है। जैसे अभी सर्दियों के मौसम में वह हरी सब्जी, कापा, मंडुवे की रोटी, झोली और भट्ट के डुबके आदि बनाकर न सिर्फ लोगों को पहाड़ी स्वाद का खाना उपलब्ध करा रहे हैं बल्कि उनके रेस्टोरेंट में नवीनतम खाद्य पदार्थ यथा पिज्जा, बर्गर आदि भी बनाए जा रहे हैं। बताते चलें कि भास्कर के बड़े भाई पंकज रमेला ने भी आम्रपाली इंस्टिट्यूट हल्द्वानी से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था और अभी वर्तमान में वह बेंगलुरु में फाइव स्टार होटल में कार्यरत हैं। राज्य के अन्य युवाओं को भी भास्कर से जरूर प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने ही पहाड़ में स्वरोजगार शुरू करने की पहल करनी चाहिए जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से कम से कम पलायन हो सके।
(Bhaskar Ramela Self Employment)

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