Berinag Pithoragarh marriage accident: शनिवार को जानी थी छोटे भाई की बरात, लेकिन उससे पहले ही हो गया यह भयावह सड़क हादसा, मातम में बदली शादी की सारी खुशियां….
Berinag Pithoragarh marriage accident
इन दिनों पहाड़ों में शादी का सीजन चल रहा है। लोग अपने चिर-परिचितों के शादी समारोह में हर्षोल्लास से शामिल हो रहे हैं। जहां एक ओर लोग खुशियों से ओतप्रोत है वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही सड़क दुघर्टनाएं कई बार उनकी खुशियों पर ग्रहण भी लगा रही है। दर्दनाक सड़क हादसे की ऐसी ही एक दुखद खबर आज राज्य के पिथौरागढ़ जिले से सामने आ रही है जहां शहनाई बजने से पहले ही दूल्हे के भाई की मौत से शादी की सारी खुशियां मातम में तब्दील हो गई है। इस दुखद घटना से जहां मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे क्षेत्र में भी सहानुभूति की लहर दौड़ गई है। बताया गया है कि मृतक के सगे भाई की शनिवार 18 मई को बारात जानी थी, इससे पहले कि घर में बैंड बाजे की आवाज गुंजती, इस दुखद खबर ने उसे रूदन क्रंदन के गमहीन माहौल में बदल दिया।
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील क्षेत्र के खोला गांव निवासी सूरज साहनी पुत्र रमेश राम, अपनी कार वाहन संख्या यूके 05ई 5258 से कोटमन्या से अपनी गांव की ओर जा रहे थे। बताया गया है कि जैसे ही उनकी कार कोटमन्या-खोला गांव-तोराथल मोटर मार्ग पर खोला गांव के पास पहुंची तो एकाएक अनियंत्रित होकर करीब 100 फीट गहरी खाई में समा गई। जिससे वाहन चालक सूरज साहनी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कार में सवार दो अन्य लोग अनिल साहनी और 15 वर्षीय अंजली गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची बेरीनाग पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जबकि गंभीर रूप से घायल दोनों लोगों को प्राथमिक उपचार के उपरांत हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक मृतक सूरज कोटमन्या कस्बे में मेडिकल स्टोर चलाता था। वह अपने पीछे दो मासूम बच्चों को रोता बिलखता छोड़ गया है। इस संबंध में खोला गांव के ग्राम प्रधान दिनेश जोशी ने मीडिया को यह भी बताया कि मृतक सूरज के छोटे भाई की बरात शनिवार 18 मई को जानी थी। जिसकी तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही थी। यहां तक कि घर पर मेहमानों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया था। परंतु इस दुखद हादसे से जिस घर में शहनाई बजनी थी वहां दुखों का पहाड़ टूट गया है।
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