journalist Yogesh Dimri uttarakhand: पत्रकार योगेश डिमरी पर दिनदहाड़े हुआ जानलेवा हमला, आरोपियों ने पत्थरों से बुरी तरह मारा, शराब माफियाओं पर लग रहे आरोप, सोशल मीडिया पर पुलिस की संलिप्तता की भी कहीं जा रही बातें….
journalist Yogesh Dimri uttarakhand
उत्तराखण्ड के ऋषिकेश से कानून व्यवस्था को आईना दिखाने वाली एक बेहद दुखद खबर सामने आ रही है जहां एक लोकल डिजिटल न्यूज चैनल के संपादक योगेश डिमरी पर जानलेवा हमला हुआ है। बताया गया है कि आरोपियों ने पत्रकार योगेश पर पत्थरों से हमला किया है। हमले के आरोप क्षेत्र में सक्रिय कुछ शराब माफियाओं पर लग रहे हैं। योगेश पर यह हमला रविवार को इंदिरानगर में हुआ है। इस जानलेवा हमले में उनके सिर और हाथ-पैर पर गंभीर चोट आई हैं। फिलहाल उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है। दिन दहाड़े पत्रकार पर जानलेवा हमला होने से हर कोई हतप्रभ हैं । प्रदेश के सभी पत्रकार संगठनों के साथ ही पक्ष-विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में स्थानीय पुलिस पर भी संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कई लोग पत्रकार पर हमला होने पर स्थानीय पुलिस के खिलाफ मुखर नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया में पुलिस पर लगाए जा रहे तमाम आरोप वायरल हो रहे हैं। इतना ही नहीं पत्रकार योगेश से मारपीट के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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journalist Yogesh Dimri rishikesh आपको बता दें कि पत्रकार योगेश अपने न्यूज चैनल के माध्यम से शराब तस्करों की लगातार रिपोर्टिंग कर अवैध शराब के अड्डों उजागर करते रहते थे। स्थानीय मुद्दों पर काफी सक्रिय योगेश ऋषिकेश संघर्ष समिति के साथ मिलकर अपने पत्रकारिता के दायित्वों को कुशलता से निभा रहे थे। शायद शराब माफियाओं द्वारा की जा रही अवैध शराब की तस्करी की खबरें दिखाने का ही यह दुखद अंजाम उन्हें भुगतना पड़ रहा है। अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक रविवार को योगेश को किसी अनजान नंबर से कोई सूचना मिली, जिसकी तहकीकात करने जैसे ही वह इंदिरानगर पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद आरोपियों ने उन पर पत्थरों से हमला बोल दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर हालत में उन्हें जे0डी0 अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया है। उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है। इस घटना ने उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था की भी पोल खोल कर रख दी है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर इस तरह का हमला वाकई निंदनीय एवं लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश है।
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