Uttarakhand post office bharti: विवादों में हाल ही में हुई डाक विभाग की भर्ती प्रक्रिया, हिंदी में 90-95 लाने वाले अभ्यर्थी सही नहीं लिख पा रहे दो शब्द, महोदय तक लिखने में फूल गए हांथ पांव…….
Uttarakhand post office bharti: उत्तराखंड में डाक विभाग में हाल ही में हुई भर्ती प्रक्रिया विगत कई दिनों से सवालों के घेरे में है। जहां एक ओर इस भर्ती में हरियाणा पंजाब के अधिकांश युवा चयनित हुए हैं और उत्तराखंड के युवा हाथ मलते रह गए हैं वहीं चयनित युवाओं द्वारा हिंदी के दो शब्द भी ढंग से न बोल समझ पाने के कारण उनकी योग्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि डाक विभाग में भर्ती प्रक्रिया राष्ट्रीय स्तर पर संपन्न होती है जिसमें किसी भी राज्य का व्यक्ति दूसरे राज्य में नियुक्ति पा सकता है, इसमें कोई संदेह नहीं परंतु जिस तरह से चयनित अभ्यर्थी हिंदी तक समझ, बोल और लिख नहीं पा रहे हैं उससे न केवल उनकी योग्यता पर गंभीर सवाल खड़े होना लाजिमी है बल्कि यह भी विचारणीय विषय है कि पहाड़ी भाषा बहुल प्रदेश होने के कारण राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उनकी तैनाती से क्या वे आम जनमानस की मदद कर पाएंगे। क्योंकि अमूमन आम आदमी ही डाक खाने के चक्कर लगाता है, पलायन के कारण उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बड़े बुजुर्ग ही रहते हैं, जो अधिकांशतया पहाड़ी बोली भाषा का ही प्रयोग करते हैं, ऐसे में उनकी समस्याएं समझना किसी गैर हिंदी भाषी व्यक्ति के लिए संभव नहीं है।
Uttarakhand post master bharti 2024 आपको बता दें कि उत्तराखंड में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें डाकपाल के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को हिंदी और गणित का सामान्य ज्ञान तक नहीं है, जबकि 10वीं की मार्कशीट में उनके नंबर 90 प्रतिशत हैं। ताज़ा मामला राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले से सामने आ रही है जहां ब्रांच पोस्ट मास्टर बने एक युवा ने हिंदी में 95 नंबर हासिल किए, लेकिन जब हिंदी लिखने की बारी आई तो उसके हाथ पांव फूल गए। ऐसे अभ्यर्थी दो शब्द भी शुद्ध नहीं लिख पा रहे। मामला सामने आने के बाद जब प्रधान डाकघर अधीक्षक पौड़ी ने ब्रांच पोस्ट मास्टर पद पर चयनित इस युवा की स्क्रीनिंग की। उसके सभी दस्तावेज तो वैध पाए गए, परंतु उसकी योग्यता सवालों के घेरे में है। यह भी पढ़ें- Bageshwar: बागेश्वर के सिमगढ़ी उपडाकघर में पोस्टमास्टर ने उड़ा दिए खाता धारकों के रुपए..
Uttarakhand post office bharti scam बताया गया है कि अभ्यर्थी ने आवेदन पत्र में अधीक्षक को अदीशय, महोदय को मेव्य, डाकघर को ढाकघर और पौड़ी को पैटी लिखा था। यही नहीं जब उसे अंकों को हिंदी में लिखने के लिए कहा तो चयनित डाकपाल ने 1500 को पद्रासै, 2750 को सताइसे, 3531 को तीन हजार पानसे कतीस और 250 को ढाइरौ लिख दिया। इस संबंध में डाक अधीक्षक पौड़ी दीपक शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हरियाणा के रहने वाले युवक का जनपद पौड़ी के सिलोगी उप डाकघर में गढ़कोट शाखा डाकघर में शाखा डाकपाल के पद पर चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि प्ररकण को लेकर रिपोर्ट परिमंडल देहरादून भेज दी है। चयनित शाखा डाकपाल की तैनाती को लेकर उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: अब डाक विभाग की भर्ती में बड़ा गड़बड़झाला, 6 पर हुआ मुकदमा दर्ज
Uttarakhand post office bharti 2024 आपको बता दें कि डाक विभाग में नियुक्तियों की जांच के दौरान कई चयनित अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट फर्जी तक निकले हैं। जिसके बाद से कई अभ्यर्थी जांच के डर से ज्वाइनिंग करने से भी कतरा रहे हैं। बताते चलें कि डाकघर पौड़ी में बीते अक्तूबर माह में चयनित चार ग्रामीण डाक सेवक ज्वाइनिंग देने पहुंचे थे। जिनमें उत्तर प्रदेश के दो चयनित ग्रामीण डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए गए थे। जबकि मध्य प्रदेश के चयनित दो ग्रामीण डाक सेवक जांच का नाम सुनते ही भाग खड़े हुए थे। इससे पूर्व राज्य के चमोली जिले से भी ऐसा ही मामला सामने आया था। ऐसे में इस पूरी भर्ती प्रक्रिया पर जहां सवाल उठना लाजिमी है वहीं आम जनमानस से जुड़ा मुद्दा होने के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं शासन प्रशासन को भी इसका संज्ञान लेकर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करवाने के लिए ठोस कदम उठाया जाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि भर्ती प्रक्रिया के उपरांत चयनित अभ्यर्थी आम जनमानस की समस्याएं भली-भांति समझ पाए।