Connect with us
Lata Kandpal poem
फोटो देवभूमि दर्शन Lata Kandpal poem

उत्तराखण्ड

कुमाऊंनी कविता- “चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़..” लता काण्डपाल (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

कुमाऊंनी कविता- चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़ …Lata Kandpal poem

भ्यार बानर भितेर मुंस नि भयां पहाड़ में खुश,
चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़,
खेती छी बाड़ी छी कतु भाल हाल छी,
हरी-भरी पहाड़ में पहाड़नाक लाल छी,
आज म्यार पहाड़ में दलाल गई घुस ,
नि भयां पहाड़ में खुश
चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़
भाज गई पहाड़ बै पहाड़ रूंणी वाऊ,
जमीन कै बंजर छोड़ लटकै गई ताऊ,
खेती-बाड़ी हैगे बजी बेर धुस
नि भयां पहाड़ में खुश
चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़
सड़क बिजुली ऐ बैर लै भौत काम बच गई,
रोजगारै तलाश में बेरोजगार बढ़ गई,
फिकर मजी नीन उड़ी खून लै सुख,
नि भयां पहाड़ में खुश,
चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़ ,
धीरे-धीरे मेर पहाड़ एकल ऐकलै मारल डाढ़ ,
सब कुछ है बैर लै दैई द्वारन जामौ झाड़,
सब बखतै बात छू यसलै एक दिन हूंछ,
नि भयां पहाड़ में खुश,
चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़
आपूण मनै बात कनूं भुला य संदेश दिनूं,
है सकछौ पहाड़ आओ आपूंण ईष्ट करार आओ,
थान लिपि ईष्टैक करो पुज
तबै होल पहाड़ खुश
चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ।🌹
रचना- लता कांडपाल, ग्राम-चितई, विकासखंड- हवालबाग
जिला- अल्मोड़ा (उत्तराखंड)
Lata Kandpal poem

यह भी पढ़ें- गढ़वाली कविता- “मेरो माटी कु रंग…..” अंजू गुसाईं (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।

👉👉TWITTER पर जुडिए।

More in उत्तराखण्ड

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!