UTTARAKHAND NEWS
Rajiv Pratap journalist Uttarkashi: उत्तरकाशी के लापता पत्रकार राजीव प्रताप का शव बरामद
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missing Rajiv Pratap digital journalist of Uttarkashi dead body found uttarakhand breaking news today: उत्तरकाशी के जनमुद्दों पर मुखर डिजिटल पत्रकार राजीव प्रताप का शव जोशियाड़ा बैराज से बरामद…
missing Rajiv Pratap digital journalist Uttarkashi dead body found uttarakhand breaking news today: इस वक्त समूचे उत्तराखण्ड को झकझोर देने वाली चिंताजनक एवं निंदा जनक एक बेहद दुखद खबर उत्तरकाशी जिले से सामने आ रही है जिसे देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में अब माफियाओं भ्रष्टाचारियों के हौसले कितने बुलंद हो गए हैं। कुछ समय पहले शराब माफिया का खुलासा करने वाले ऋषिकेश के एक पत्रकार योगेश डिमरी पर जहां हमला किया गया था वहीं अब उत्तरकाशी में जनहित के मुद्दों की बुलंद आवाज बनने वाले एवं भ्रष्टाचारियों की पोल खोलने वाले डिजिटल मीडिया के पत्रकार राजीव प्रताप की मौत की दुखद खबर है। बीते दस दिनों से लापता पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को SDRF ने उत्तरकाशी के जोशियाड़ा बैराज से बरामद कर लिया है।
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बीते दस दिनों से लापता थे पत्रकार राजीव प्रताप, भागीरथी नदी में मिली थी कार
गौरतलब हो कि उत्तरकाशी जिले के मनेरी के रहने वाले व दिल्ली उत्तराखंड लाइव के पत्रकार राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात करीब 11:30 बजे बाद से गंगोरी क्षेत्र से लापता थे। वह अपने एक पुलिसकर्मी दोस्त की कार मांग कर ले गये थे, जो कि अगले दिन भागीरथी नदी में स्यूंणा गांव के सामने गिरी मिली थी। लेकिन राजीव का कुछ पता नहीं चल पाया था। जिसके बाद से उत्तरकाशी पुलिस के साथ ही SDRF की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई थी। एसडीआरएफ की डीप डाइविंग टीम समेत एनडीआरएफ की टीम ने नदी में सर्च आपरेशन चलाया था।
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भ्रष्टाचार की पोल खोलने पर मिल रही थी जान से मारने की धमकी
आपको बता दें कि दैनिक उत्तराखण्ड लाइव के जरिए पत्रकारिता की दमदार आवाज बने राजीव प्रताप को भ्रष्टाचार उजागर करने पर जान से मारने की धमकी मिल रही थी। राजीव की पत्नी मुस्कान के मुताबिक हाल ही में राजीव ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल की बदहाली पर एक वीडियो जारी किया था। जिसमें दीवारों पर दरारें, दवाइयों की कमी और मरीजों की बदतर हालत के बारे में बताया गया था। ये सब कुछ इतना सटीक था कि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी और विडियो डिलीट करने को कहा जा रहा था। जिससे राजीव ने साफ इंकार कर दिया था। परिजनों को शक है कि इसी के चलते बीते दिनों उनके साथ इस दर्दनाक हादसे को अंजाम दिया गया।
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वास्तव में हुई दुर्घटना या साजिशन की गई हत्या…
अब वास्तव में ये कोई साजिश है या फिर राजीव सच में एक दर्दनाक हादसे का शिकार हुए थे, ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। परंतु इस सत्य से इंकार नहीं किया जा सकता है भ्रष्टाचारियों और माफियाओं की राह में रोड़ा बनने वाले लोगों को इस तरह की धमकियां मिलती रहती है। वैसे भी उत्तराखंड की फिजाओं में अब जिस कदर माफियाओं भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है उससे पहाड़ की शांत वादियां भी अपराधिक प्रवृत्ति से ग्रस्त होने लगी है। यहां शराब माफिया, खनन माफिया के बाद अब राजनीतिक माफिया भी पनपने लगे हैं हाल ही में पंचायत चुनावों के दौरान नैनीताल और बेतालघाट में हुई दुखद घटनाएं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
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