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Pithoragarh bear attack: मुनस्यारी में भालू ने घास लेने गई महिला को बनाया अपना निवाला
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Basanti devi shahi of talla johar Munsiyari, died in bear attack Pithoragarh Uttarakhand news today: मुनस्यारी में फिर भालू का आतंक: घास काट रही महिला पर हमला, मौके पर मौत ,दो महीने में तीसरी घटना से सहमे ग्रामीण
Basanti devi shahi of talla johar Munsiyari, died in bear attack Pithoragarh Uttarakhand news today: उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक किस कदर व्याप्त है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आए दिन मानव वन्य जीव संघर्षो की दुखद खबरें सुनने को मिल रही है जिसमें कई ग्रामीणों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
ऐसी ही एक दुखद खबर आज फिर राज्य के सीमांत जिले पिथौरागढ़ से सामने आ रही है जहां मुनस्यारी में रविवार सुबह घास काट रही एक महिला पर भालू ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरे गांव में भय और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और भालू को जल्द पकड़ने की मांग की है।
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घास काटते वक्त हुआ हमला, मौके पर दर्दनाक मौत
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक, मुनस्यारी के बोरागांव तोक कॉपा (तल्ला जोहार) निवासी बसंती देवी शाही (45 वर्ष) सुबह अपने घर के पास घास काट रही थीं। तभी झाड़ियों से निकले भालू ने अचानक उन पर हमला बोल दिया। महिला को संभलने का मौका तक नहीं मिला और जंगली जानवर ने उन्हें बुरी तरह नोच डाला। गंभीर चोटों के चलते बसंती देवी की मौके पर ही मौत हो गई।
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अकेली रहती थीं महिला, रोजगार के सिलसिले में बाहर हैं पति और बेटे
ग्रामीणों के अनुसार, बसंती देवी घर पर अकेली रहती थीं। उनके पति त्रिलोक सिंह शाही किसी निजी कंपनी में कार्यरत हैं, जबकि दोनों बेटे रोजगार के सिलसिले में गांव से बाहर हैं। घटना की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि पिछले कई दिनों से भालू बार-बार आबादी के नजदीक दिखाई दे रहा था, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
अब स्थिति यह है कि महिलाएं और बुजुर्ग खेतों या जंगल की ओर अकेले जाने से डर रहे हैं। क्षेत्र प्रमुख कविता महर और क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह धर्मशक्तू ने वन विभाग से तुरंत रेस्क्यू टीम भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो किसी और की जान भी जा सकती है।
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दो महीने में तीसरा हमला, प्रशासन अब भी खामोश
यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते दो महीनों में मुनस्यारी और आसपास के इलाकों में यह तीसरी बार है जब भालू ने इंसान पर हमला किया है। इससे पहले मेसरकुंड में एक पशुपालक कुंदन सिंह खत्री पर भालू ने हमला किया था। वह गंभीर रूप से घायल हुए थे, लेकिन साहस दिखाते हुए भालू से भिड़कर उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई थी। वहीं, हाल ही में थलकेदार जंगल के पास चामी गांव में भी भालू के घुसने से हड़कंप मच गया था। वहां वन विभाग की टीम ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद भालू को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया था।
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भटककर आबादी में पहुंच रहे हैं भालू
इस संबंध में वन विभाग का कहना है कि जंगली इलाकों में भोजन की कमी और बढ़ती मानवीय गतिविधियों के चलते भालू अब गांवों के पास आने लगे हैं। डीएफओ आशुतोष सिंह के मुताबिक, हाल ही में पकड़ा गया भालू करीब चार वर्ष का नर भालू था, जो जंगल से भटककर आबादी में पहुंच गया था। उसे ट्रेंकुलाइज करने के बाद प्राथमिक उपचार देकर निगरानी में रखा गया है। विभाग ने अब इलाके में गश्त बढ़ाने और कैमरा ट्रैप लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
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