उत्तराखंड में प्रतिभावो की कमी नहीं है, चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो, आज उत्तराखंड के युवा कला ,विज्ञानं, खेल और सिनेमा इत्यादि क्षेत्रों में अपना एक विशेष नाम रखते है। इन्ही प्रतिभावो में एक उभरते हुए चित्रकार है आकाश आर्या जो मूल रूप से अल्मोड़ा के नैल ग्राम के निवासी है।
कला का हुनर बचपन से ही झलकने लगा था- देवभूमि दर्शन के साथ आकाश ने जानकारी साझा करते हुए बताया की उन्हें चित्रकारी का शोक बचपन से ही था और 7 वी और 8 वी कक्षा से ही उन्हें सर्टिफिकेट मिलने शुरू हो गए थे। उनकी पहली उपलब्धि तब थी, जब उन्हें 11 वी कक्षा के दौरान कॉर्बेट नेशन पार्क द्वारा आयोजित एक कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला। उस समय आकाश ग्रेट मिशन पब्लिक स्कूल के छात्र थे।
जिसके बाद उनके विद्यालय के शिक्षकों और उनके सहपाठियों ने उनका बहुत मनोबल बढ़ाया जिनमे से मुख्य अध्यापक और अध्यापिकाओं का नाम क्रमश है -श्रीमती संगीता पूरी , नलिनी, विजयलक्ष्मी , जीतेन्द्र रमोला, सुनीता ,धीरज और अंकिता। साथ ही आकाश अपने पूरे परिवार को श्रेय देते है जिन्होंने पढाई में पूरा सहयोग दिया। वर्तमान में आकाश दिल्ली कोलाज ऑफ आर्ट में बैचलर इन फाइन आर्टस के तृतीया सेमेस्टर के विद्यार्थी है।
उत्तराखण्ड़ की संस्कृति के लिए करना चाहते है विशेष कार्य– आकाश कहते है की उन्हें उत्तराखण्ड़ की संस्कृति से बेहद प्रेम है वो कही भी रहे लेकिन अपने पहाड़ की संस्कृति जो की दिन प्रति दिन धूमिल होती जा रही है उसको अपनी बेजोड़ कला के माध्यम से जरूर बचाने का प्रयाश करेंगे। आकाश कहते है की उन्हें बचपन से ही उत्तराखण्ड़ की सुन्दर वेशभूषा, आभूषण,लोककला व सांस्कृतिक जीवन के साथ आकर्षण रहा है। इसके साथ ही पहाड़ के वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ, हुड़का और बासुरी इत्यादि उन्हें बेहद पसंद है। बासुरी वादन की कला भी उनके अंदर कूट कूट के भरी हुई है।
आकाश द्वारा देवभूमि दर्शन के साथ कुछ फोटो शेयर की गयी है जिसमे उन्होंने पहाड़ की प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ की स्त्री का बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है।
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