भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य ज्यादा ख़राब होने की वजह से उन्हें सोमवार को दिल्ली के ऐम्स में भर्ती किया गया था, जहाँ उनके हालत काफी नाजुक थे और वही उन्होंने अभी अपनी अंतिम साँस लेकर दुनिया को अलविदा कह दिया।
तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने नवोदित पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया था- उत्तराखण्ड राज्य जिन संघर्षो में बना उसमे उनका बहुमूल्य योगदान है , और उत्तराखंड राज्य का गठन उन्हीं की देन है। सिर्फ राज्य के गठन ही नहीं उसके बाद भी राज्य के विकास के लिए भी उन्होंने विशेष औद्योगिक पैकेज देकर इस पर्वतीय राज्य के प्रति अपने स्नेह और प्रेम को दर्शाया था। राजनीति के पुरोधा अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड के साथ गहरा लगाव रहा है। बता दे की वाजपेयी सरकार में ही बहुत संघर्षो और आंदोलनों के बाद उत्तराखंड देश का 27वां राज्य बना।
वाजपेयी सरकार में हुआ था उत्तराखण्ड राज्य का गठन – वर्ष 1996 में राज्य आंदोलन के दौरान परेड मैदान में चुनावी रैली में जनता को सम्बोधित करने के दौरान उन्होंने अपने भाषण में पहाड़ की परेशानियों का जिक्र कर लोगों को यह भरोसा दिया था , कि यदि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो वह राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करेंगे। इसके बाद वर्ष 1999-2000 में चुनाव के वे दौरान यहां आए। तब भी उन्होंने उत्तराखंड राज्य बनाने का भरोसा दिया। वर्ष 2000 में उन्होंने संसद में उत्तराखंड समेत तीन राज्यों के गठन के प्रस्ताव पारित करवाया ।
नौ नवंबर, 2000 को उत्तराखंड का भारत के 27 वे राज्य के रूप में गठन हो गया। इसके बाद प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी फरवरी, 2003 में नैनीताल में राजभवन में उत्तराखंड के विकास के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज की घोषणा की। जो की राज्य को दस साल के लिए दिया गया था।इसके पश्चात 7 से 9 सितंबर, 2006 में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए अटल बिहारी देहरादून आए। उस दौरान यहां विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई थीं।
1998 में अटल के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पहली बार यूपी विधानसभा को उत्तरांचल विधेयक भेजा