चमोली आपदा (Chamoli disaster) में लापता लोगों (Missing People) की संख्या बढ़कर हुई 202, नेपाल सहित नौ राज्यों के 202 लापता लोगों की सूची हुई जारी..
यह बात शत-प्रतिशत सही है कि एकाएक आने वाली प्राकृतिक आपदाएं तो तबाही मचा कर धीरे-धीरे शांत हो जाती है परन्तु उसकी दहशत हमारे समाज में सदियों तक रहती है। इस समय दहशत का ऐसा ही माहौल राज्य के चमोली जिले में हैं। अब भले ही पानी का बहाव शांत हो गया हो, नदियों का जलस्तर सामान्य हो गया हो परन्तु धीरे-धीरे आपदाग्रस्त क्षेत्रों (Chamoli disaster) से छन-छनकर आती दुखद खबरें, क्षत-विक्षत शवों की हृदयविदारक तस्वीरें जहां आज समूचे प्रदेश के साथ ही देश-दुनिया में भी चर्चा का विषय बनी हुई है वहीं आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव दलों द्वारा युद्ध स्तर पर चलाई जा रही रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें दिल को सांत्वना भी दे रही है कि ऐसे दुखद समय में भी आपदा प्रभावित अकेले नहीं हैं। राहत एवं बचाव दलों के वीर बहादुर जांबाज इस विषम परिस्थिति में भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। जहां यह बात स्थानीय लोगों के साथ ही समस्त प्रदेश वासियों के दिलों को सूकून देने वाली है वहीं लगातार बढ़ती लापता लोगों की संख्या चिंता का सबब बनी हुई है। अभी तक मिल रही है खबरों के मुताबिक रविवार को आई इस आपदा में उत्तराखंड सहित नौ अन्य राज्यों एवं पड़ोसी देश नेपाल के 202 लोगों के लापता (Missing People) हुए हैं। जिनकी सूची भी जारी कर दी गई है। जिसके मुताबिक सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के 46, उत्तराखण्ड के 42, झारखंड के 13, पंजाब के 4, बिहार और नेपाल के 3-3, पश्चिम बंगाल के 2, जम्मू-कश्मीर और उड़ीसा के 1-1 व्यक्ति को लापता बताया गया है।
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राहत एवं बचाव दलों को अब तक मिले 24 शव, 30-35 लोग अभी भी फंसे हुए हैं सुरंग के भीतर:-
राज्य आपदा परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी भी 202 लोग लापता बताए गए हैं। इनमें सबसे अधिक ऋत्विक और उसकी सहयोगी कंपनी के कर्मचारी हैं। जिनकी संख्या अभी तक 121 बताई जा रही है। इसके अलावा ओम मेटल कंपनी के 21 एवं एच•सी•सी• कम्पनी में कार्यरत 3 एवं ऋषिगंगा कंपनी के 46 लोग भी अभी तक लापता बताए जा रहे हैं। बात स्थानीय ग्रामीणों की करें तो आपदाग्रस्त रैंणी गांव के 5, करछौं गांव, रिंगी गांव एवं तपोवन गांवों के 2-2 ग्रामीण लापता बताए गए हैं। उधर दूसरी ओर राहत एवं बचाव दलों द्वारा लापता लोगों को खोजने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जहां एसडीआरएफ की दो टीम रैणी, चार टीम तपोवन, दो टीम जोशीमठ व तीन टीम श्रीनगर में जुटी हुई है वहीं वायुसेना के चार हेलीकाप्टरों की भी मदद ली जा रही है। बताया गया है सोमवार को राहत-बचाव के साथ लापता व्यक्तियों के तलाशी अभियान में एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ के 129 जवान, आईटीबीपी के 425 जवान, एसएसबी की एक टीम, सेना के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें भी लगी हुई हैं। राहत एवं बचाव दल ने जहां बीते रविवार को सुरंग में फंसे 12 लोगों को सुरक्षित वापस निकाल लिया था, वहीं राहत एवं बचाव दल को अब तक 24 लोगों के शव भी बरामद हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त अभी भी 30-35 लोग तपोवन-विष्णुगाड प्रोजेक्ट की दूसरी सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं।
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