uttarakhand: अधिकांश राज्यों ने दिया केन्द्र को दिया 3 मई के बाद भी लाॅकडाउन जारी रखने का प्रस्ताव
केन्द्र सरकार अब देशव्यापी लाॅकडाउन को और अधिक समय तक जारी रखने से सहमत नहीं हैं। इसलिए लाॅकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी भी केन्द्र की तरफ से हो चुकी है। मुख्यमंत्रियों के साथ की गई आज हुई केंद्र सरकार की बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अब देशव्यापी लाॅकडाउन को और अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा। हालांकि पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी के अनुसार अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने देशव्यापी लाॅकडाउन को आर्थिक गतिविधियों के साथ बढ़ाए जाने का प्रस्ताव दिया। कैबिनेट बैठक के बाद आ रहे विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बयानों को देखते हुए इस बात की आंशका से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि अगला लाॅकडाउन देशव्यापी ना होकर राज्यों तथा जिलों के हिसाब से तय होगा। इस बात की भी काफी अधिक संभावना है कि देश के आधे से अधिक राज्यों में लाॅकडाउन पूरी तरह समाप्त हो जाए या फिर कोरोना मुक्त जिलों को लाॅकडाउन से पूरी तरह छूट दे दी जाए।
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उत्तराखंड (uttarakhand) में भी जारी रह सकता है लाॅकडाउन, मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने दिए संकेत:-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने केन्द्र को राज्य में कोरोना की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने मनरेगा में काम के दिनों को भी 100 से बढ़ाकर 150 दिन करने का सुझाव केन्द्र को दिया। प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद राष्ट्रीय मीडिया के एक चैनल से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड (uttarakhand) की अधिकांश सीमाएं ऐसे राज्यों से लगती है जहां कोरोना सक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा है। ऐसे में पूरे राज्य में लाॅकडाउन खोलना अनुचित होगा। हालांकि उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि तीन मई के बाद ग्रीन जोन वाले सभी जनपदों को कुछ शर्तों के साथ लाॅकडाउन से छूट दे दी जाए। मुख्यमंत्री की बातों से इतना तय माना जा रहा है कि 3 मई के बाद अगला लाॅकडाउन जिलों के आधार पर हों। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमित कुल मामलों में से 80% मरीज किसी ना किसी रूप में जमात से जुड़े हुए हैं। ये मरीज या तो खुद जमात का हिस्सा बने हैं या फिर जमातियों के सम्पर्क में आए हैं।
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