उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड का भर्ती केंद्र खुलने का रास्ता तो साफ हो गया है और 28 जून को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत देहरादून के कुंआवाला में इसका शिलान्यास भी करेंगे। लेकिन उत्तराखंड के लिए स्वीकृत कोस्टगार्ड भर्ती कार्यालय सीमांत जिले पिथौरागढ में खोले जाने की मांग मुखर हो गई है। बता दे की कांग्रेस कार्यकर्ता ने बुधवार को राष्ट्रपति और राज्यपाल को इस संबंध में ज्ञापन प्रेषित किए। इसमें कहा गया है कि सीमांत वासियों के साथ अन्याय कर यहां स्थित भर्ती कार्यालय को हटाकर विकासनगर ले जाया गया। ज्ञापन देने से पूर्व कार्यकर्ताओं ने सभा की जिसमें वक्ताओं ने कहा कि सीमांत जिला पिथौरागढ़ सैन्य बाहुल्य क्षेत्र है। हजारों लोगों ने देश की सुरक्षा के लिए शहादत दी है। युवाओं में देश सेवा का जबरदस्त जज्बा है। पूर्व में यहां थल सेना का भर्ती कार्यालय था, जिसे बाद में अन्य जगह स्थानांतरित कर दिया गया। कहा है कि प्रदेश में कोस्ट गार्ड कार्यालय खोला जाना है। इसे पिथौरागढ़ में खोला जाना चाहिए। इसके साथ ही कहा है कि सीमांत जिले से पलायन लगातार जारी है। रोजगार की चाह में गांव खाली हो रहे हैं। यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर ने कहा कि गढ़वाल मंडल में सात भर्ती कार्यालय पहले से ही हैं जबकि कुमाऊं में मात्र दो हैं।
पिथौरागढ़ में नहीं खोले जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है: कांग्रेस कार्यकर्ता ने ज्ञापन प्रेषित करने के साथ ही कोस्ट गार्ड कार्यालय खोलने या फिर भर्ती कार्यालय को पुन: पिथौरागढ में स्थापित न करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। सभा के बाद कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष त्रिलोक सिंह महर, कार्तिक खर्कवाल, रवि महर, दिनेश बिष्ट, कपिल सौन, सुधीर चौहान, राजेंद्र प्रसाद, प्रकाश देवली, जीवन कोहली, त्रिलोक बिष्ट, मनोज बिष्ट, दरबान सिंह, हीरा सिंह बिष्ट, लक्ष्मण प्रसाद, आनंद धामी, भूरे मियां, सोनू सामंत, ललित पाल, रजत विश्वकर्मा, ऋषभ कल्पासी, महिपाल वल्दिया, जावेद खान, गजेंद्र सिंह, कैलाश जोशी, जगदीश धामी आदि शामिल थे।