कांस्टेबल सविता कोहली शिक्षिका बनकर संवार रहीं कूड़ा बीनते बच्चों का भविष्य, 52 बच्चो को ले चुकी हैं गोद
यह भी पढ़े–उत्तराखण्ड की बेटी ने किया लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप बनी सहायक अभियोजन अधिकारी
झोपड़-पट्टी में बाहर से आकर मजदूरी कर गुजर बसर करने वाले गरीब लोगों के परिवार रहते हैं। गरीब और अशिक्षित होने की वजह से माता पिता बच्चो को स्कूल नहीं भेज रहे थे। ताजुब्ब तो तब हुआ जब इनमे से कुछ परिवार ऐसे थे, जो बच्चों के श्रम से ही घर खर्च चलाते थे। सविता ने इन परिवारों से बात कर उन्हें समझाया और बच्चों को उनकी क्लास में भेजने को कहा। कुछ दिन मशक्कत के बाद सविता उन्हें समझाने में कामयाब हुई। इस तरह बनबसा नगर पंचायत परिसर का खुला मैदान एक पाठशाला में तब्दील हो गया। उसी दिन से ड्यूटी खत्म होने के बाद सविता शिक्षिका का भी दायित्व निभाती आ रही हैं। फिलहाल उनकी क्लास में इस समय 52 बच्चे शामिल हैं। दिनभर की भागादौड़ी वाली ड्यूटी के बाद एक शिक्षिका की ड्यूटी भी निभाना अपने आप में किसी पहाड़ तोड़ने से कम नहीं है। बनबसा थानाध्यक्ष राजेश पांडे को भी जब इस बात का पता चला तो उन्होंने सविता की ड्यूटी बदल उनके इस नेक काम में सहयोग ही किया।