Dehradun private school fees : निजी स्कूलो मे मनमानी फीस वसूलने पर होगी कार्रवाई, जिलाधिकारी सविन बंसल ने दी लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी…Dehradun private school fees: उत्तराखंड के निजी स्कूलों में प्रबंधकों द्वारा मनमानी फीस वसूलने और अभिभावकों पर अनावश्यक दबाव बनाए जाने के कारण अब प्रशासन सख्त रवैया अपनाने की तैयारी में है। जिसके चलते अभिभावक स्कूल से संबंधित तमाम प्रकार की समस्याओं की शिकायत टोल नंबर के जरिए दे सकते है। इतना ही नहीं बल्कि शिकायतों के आधार पर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी वहीं जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्कूलों में मनमानी बंद न करने पर लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी है जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने शहर के विभिन्न स्कूल संचालकों के साथ वार्ता करते हुए स्कूलों के 5 वर्ष के फीस स्ट्रक्चर का भी परीक्षण किया है।
बता दें प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा लगातार फीस बढ़ोतरी का मामला सामने आ रहा है जिस पर स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि राइट टू एजुकेशन एक्ट का पालन करना अनिवार्य है जिसके तहत स्कूल 3 वर्ष में अधिकतम 10% की फीस वृद्धि कर सकते हैं। यदि कोई 10% से अधिक फीस बढ़ोतरी करता है तो स्कूल प्रशासन इसके पीछे का तर्कसंगत कारण शिक्षा विभाग को अनिवार्य रूप से बताएंगे इसके अलावा मनमानी करने पर स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जाएगा। इसके अलावा जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया है कि स्कूल अभिभावकों पर निश्चित दुकान से यूनिफॉर्म कॉफी किताब खरीदने का दबाव नहीं बना सकते हैं इस तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई कराई जाने समेत सभी नियमों का कायदे से पालन करना अनिवार्य रखा गया है।
विद्यालयों की चल रही है समीक्षा(School Audit)
जानकारी के अनुसार देहरादून के मैरी स्कूल के फीस स्ट्रक्चर को तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं इसके अलावा ज्ञानंदा स्कूल और सेंट जोसेफ एकेडमी का फीस स्ट्रक्चर सही पाया गया है। बताते चलें प्रत्येक शिक्षा सत्र में अभिभावक तथा तमाम संगठन स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी का लगातार विरोध करते हैं लेकिन प्रशासन से लेकर शासन के अधिकारी तक निजी स्कूल प्रबंधन के दबाव में नजर आते हैं ऐसे में कुछ हिदायत के बाद आगे की कार्रवाई नहीं की जाती है लेकिन इस बार निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर कड़ा प्रहार किया जाएगा।