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Deepa kuniyal poems
फोटो देवभूमि दर्शन Deepa kuniyal poems

उत्तराखण्ड

कुमाऊंनी कविता- “- हमर उत्तराखंड छा रछा सबे जगा…” दीपा कुनियाल (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

कुमाऊंनी कविता- हमर उत्तराखंड छा रछा सबे जगा…..Deepa kuniyal poems

हमर उत्तराखंड छा रछा सबे जगा।
हमर उत्तराखंड छा रछा सबे जगा ।।
यै देवो को राज छा,
ऩदियो का वास छा
उत्तराखडक हरी – भरी भूमि में जीव – जन्तु गै आस छा।।
पुथिलोक चूचाट छा, हाव को सरसराट छा,
बादलो को घेर छा, बोट – डाव को स्‍योव छा ।।
लोगो में प्यार छा, एक दुसरक सहार छा ।।
पहनङ मे साद छा, खाण मे मिठास छा।।
देवभ़ूमि हमर लोक कथाओ मे बसी छा,
रीति – रिवाज, परम्पराओ में देवभूमि छवि छा।।
ओ मेरी ईँजा देवो की भूमि,
पवित्र भूमि लै तू छै
जन्म भूमि लै तू छै।।
रचना- दीपा कुनियाल, सिरकोट, हविल कुलवान, जिला – बागेश्वर (उत्तराखण्ड)
Deepa kuniyal poems
यह भी पढ़ें- कुमाऊंनी कविता- “सुणों दीदी-भुला….” रेखा पाण्डेय (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

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