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Niharika pandey poem
फोटो देवभूमि दर्शन Niharika pandey poem

उत्तराखण्ड

कुमाऊंनी कविता- “मि छन पहाड़ेकि च्येली….” निहारिका पाण्डेय (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

कुमाऊंनी कविता- मि छन पहाड़ेकि च्येली….Niharika pandey poem

मि छन पहाड़ेकि च्येली।
मि जब आयूँ माँ का गर्भ मा।
सब हर्षाई म्यर घर मा।
के पत्त छि मिकें
जब मि ऊंल सबूँक सामणि मा।
पंडित ज्यूल तौ म्यर नाम भलौ धरौ।
पर सबूँल म्यर नाम चिहड़ी धरौ।
ठुल भै कँ सब प्यार करनि,
पर मिकें सब दुत्कार दिनि।
मील लै जाण छी दादी दगड़ स्कूल।
पर सबूँल कौ घरौक कारोबार कर।
भौते मन करूँ दादी मि लै जान स्कूल।
भौते मन करूँ दादी मि लै पड़न स्कूल।
मि छन पहाड़ेकि च्येली।
रचयित्री – निहारिका पाण्डेय,
कक्षा 7
राजकीय इंटर कॉलेज कुलसीबी
विकासखंड – द्वाराहाट
जनपद – अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड)
Niharika pandey poem

यह भी पढ़ें- कुमाऊंनी कविता- “हिटो पहाड़ दगड़ियो हिटो पहाड़….” अंजलि पांडे (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

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