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sumit joshi 'writer' poem
फोटो देवभूमि दर्शन sumit joshi 'writer' poem

उत्तराखण्ड

काव्य संकलन

कुमाऊंनी कविता- “म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो?……” सुमित जोशी ‘राइटर’ (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

कुमाऊंनी कविता- म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो?…..sumit joshi ‘writer’ poem

दाज्यू म्यर पहाड़ आज इतु, ह्याव किलें हैगो।
सफेद पोशों दिल आज ततु, काव किलें हैगो।।
युवा भविष्य आज अंधकार में,
भर्ती तैयारी करते -करते दिन न्हैगो धार में।
विकास पहाड़ों में इतु हैगो दगड़ियो,
हिटनबाटें रोड़ में आदिम,रोज घुरिना कच्यार में।।
नेताओं ज्वातों में धूल तक नि बैठि,
किलकें उन चलनी स्कार्पियो कार में।।
ठुल-ठुल कोठियों में आज, कालि कमाई झाव किलें हैगो।
दाज्यू म्यार पहाड़ आज ततु, ह्याव किलें हैगो।।
पहाड़ें प्राकृतिक वनस्पति आज, तस्करी में ल्हैं जना।
चोर मक्कारों गैंग जेल बे, बरी हबेर ल्हैं जना।।
करेंक्टर में लाल स्याहि वाल लें,
आज सचिवालय में हरी हबेर ल्हैं जना।
रिश्वतखोरी धंध देखो तुम दगड़ियो,
फौजें भर्ती में अहमद लें, कुवरी बनि बे ल्हैं जना।।
आखिर दगड़ियो हर भर्ती में अघिल,
च्यल….. भिन…… भतिज…साव….किलें..हैगो।
दाज्यू म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो।।
सरकार पर जनता विश्वास नि रैगे,
हर परीक्षा में आब पेपर लीक हुन भैगे।
बेशक छान बीन करनें एसटीएफ लें ल्हैगे,
लेकिन सीबीआई चांजें बात उठते ही…..
य… सरकार….चुपचाप….किलें….भैगे ?
अगर हर काम तुम, नियमों अनुसार करछा तो,
फिर सड़कों में ओवर पानी’क, ना’व किलें हैगो।
दाज्यू म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो।।
दगड़ियो आखिर तुम आपन,
अधिकारों लिजी कब लड़’ला?
कब तुम आखिर इन गद्दारों,
पछिल हाथ ध्वेबेर कब पड़’ला?
आज अगर जागरूक नि भया दगड़ियो….
अघिल जनम में लें तुम सिर्फ पश्चाताप कर’ला।।
सही बाटों कें भुलि’बे य सिस्टम,
गलत बाटों’हें आज ततु, छा’व किलें हैगो।
दाज्यू म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो।।
दाज्यू म्यर पहाड़ आज इतु ह्याव किलें हैगो ?
स्वरचित मौलिक
रचना – सुमित जोशी ‘राइटर’
ग्राम – नया संग्रौली (बस्टा)
पोस्ट ऑफिस – जैंती
जिला – अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड़
पिन कोड – 263626
(sumit joshi ‘writer’ poem)

यह भी पढ़ें- कुमाऊंनी कविता- “पहाड़क हिसाब….” कविता कैड़ा (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

देवभूमि दर्शन मीडिया उत्तराखंड लोक-संस्कृति भाषा – बोली और लोक परंपरा को बढ़ावा देने हेतु एक पहाड़ी कविता प्रतियोगिता कुमाऊनी गढ़वाली एवं जौनसारी में आयोजित करवाने जा रहा है। कविता उत्तराखंड के किसी भी मुद्दे पर हो सकती है अथवा लोक संस्कृति और लोक परंपरा पर भी आधारित हो सकती है लेकिन स्वरचित होनी चाहिए। आपकी यह कविता आपके नाम से हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित होगी और उसका लिंक आपको भी दिया जाएगा।
आप दिनांक 17 से 24 तक अपनी कविताएं हमें अपने पते, फोटो और संपर्क सूत्र के साथ मेल आईडी : [email protected]
अथवा व्हाट्सएप:
+917455099150
पर भेज सकते हैं।
रिजल्ट:
इस प्रतियोगिता का परिणाम 30 जनवरी को आएगा। काव्य संकलन प्रभाग के निर्णायक समिति का निर्णय सर्वमान्य होगा।
प्रथम विजेता को उपहार:-
2 हजार+ गिफ्ट हैंपर।
द्वितीय विजेता को
1 हजार+ गिफ्ट हैंपर
तृतीय विजेता को
गिफ्ट हैंपर
देवभूमि दर्शन मीडिया
(काव्य संकलन प्रभाग)

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