anadolu yakası escort - bursa escort - bursa escort bayan - bursa bayan escort - antalya escort - bursa escort - bursa escort -
istanbul escort - istanbul escorts -
ümraniye escort - bursa escort - konya escort - maltepe escort - eryaman escort - antalya escort - beylikdüzü escort - bodrum escort - porno izle - istanbul escort - beyliküdüzü escort - ataşehir escort -
Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
chandra sekhar lohumi poem
फोटो देवभूमि दर्शन chandra sekhar lohumi poem

उत्तराखण्ड

काव्य संकलन

देवभूमि दर्शन

कुमाऊंनी कविता -प्रवासी क पीड़…..चन्द्र शेखर लोहुमी (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

कुमाऊंनी कविता- प्रवासी क पीड़ chandra sekhar lohumi poem

प्रवासी क पीड़
पूषा म्हैण‌ कि ठंडी हाव ऊण लाग रै पहाड़न‌ बै
नी थामिनी मेरिआंचुई में म्यर मन कैं बोति दै भागि
ओ पूषै म्हैणे की हावा ओ मेरी प्यारी बैणा।।
जरा बता वे पहाड़ा हाल ,तू तो उड़न छै धार गैर
जंगलन और खेतन में लै,डोइ छै गाड़ गध्यार
आइ लै नान के सारनी पाणी, नौलन गध्यारन बटी?
जानि गो भैंसा ग्वावा ,जंगलन में खेल करनी?
हमार बाखाइक उखोवै क सार कैसा मिठ गीत हुंछि
चेलि ब्वारि चुड़िने छम छम किलै ऊं गीत निमणी?
ओ पूषै म्हैणे —-
बरातन में बाज छी नागर तुतरि क तिरतिराट
सार गौं करछी बरातौ स्वागत ऐगे बर्यात ऐगे बर्यात
धुलि अर्घ्य में वेदोच्चार बर्यातिन को छकछकाट
मंगल घड़ि में क्वैले नी शुण ,नान ब्योलि क सकसकाट
बर्यातै बिदाई है पेलि ,ब्योलि पुजेछि मंदिर देलि
कसी हुनि अब ब्या बता वै, तू लै छि देव लोके चेलि
ओ पूषै म्हैणे ——
म्यार मनै की शुण लै भागि पहाड़ै याद मन में लागि
आंख बुजि जब करनूं ध्यान देव भूमि का हुनी दर्शन
याद उनी नौल गध्यार,हिसालु काफौ,गुइयो घिघार
गध्यारन क माछ गड्यार,हरिया खेत चकाव श्यार
तिमिला क पात में सानि निम्मू,याद करण में टपकें लार
भुले नी सकन मडुवा टिटार, बसन्ती होलि और हुल्यार
ओ पूषै म्हैणे —
तिथै कैं हाली मनै काथ, एगो त्यर बिदाई बार
अपुण आंचव में लिन्है जाये, बुणन हूं पैलाग नान हूं प्यार
अघिल साल यो बाटै आये,देव भूमीक हाल सुणाये
टपकणि आंसु गाव बुजीणो मौन मुखैल दिनू बिदाई
ओ पूषै म्हैणे की हावा मेरी प्यारी बैणा
प्रवासी क पीड़
म्यार मन की शुण लै भागि पहाड़ै याद मन में लागि
आंख बुजि जब करनूं ध्यान देव भूमि का हुनी दर्शन
याद उनी नौल गध्यार,हिसालु काफौ,गुइयो घिघार
गध्यारन क माछ गड्यार,हरिया खेत चकाव श्यार
तिमिला क पात में सानि निम्मू,याद करण में टपकें लार
भुले नी सकन मडुवा टिटार, बसन्ती होलि और हुल्यार
ओ पूषै म्हैणे —
तिथै कैं हाली मनै काथ, एगो त्यर बिदाई बार
अपुण आंचव में लिन्है जाये, बुणन हूं पैलाग नान हूं प्यार
अघिल साल यो बाटै आये,देव भूमीक हाल सुणाये
टपकणि आंसु गाव बुजीणो मौन मुखैल दिनू बिदाई
ओ पूषै म्हैणे की हावा मेरी प्यारी बैणा
♒♒♒♒♒♒♒♒♒
रचना- चन्द्र शेखर लोहुमी ,उम्र 75 वर्ष
मूलतः बागेश्वर(उत्तराखण्ड),वर्तमान में पूना।
(chandra sekhar lohumi poem)

यह भी पढ़ें- कुमाऊनी कविता -हिटो पहाड़ हिटो पहाड़…..भुवन बिष्ट (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन )

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के WHATSAPP GROUP से जुडिए।

👉👉TWITTER पर जुडिए।

More in उत्तराखण्ड

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top