उत्तराखंड के लोगो के लिए ये खुशखबरी है की यहाँ सड़कों पर अब इको फ्रेंडली वाहन दौड़ेंगे। केंद्र सरकार की भारत को इलेक्ट्रिक वाहन राष्ट्र बनाने की योजना से अब उत्तराखंड भी जुड़ गया है। बता दे की सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी। खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लग चुकी है। इस नई नीति के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, असेम्बलिंग और उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे राज्य में नया निवेश और रोजगार के अवसर पैदा होंगे इसके साथ ही प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता देगी और रजिस्ट्रेशन और परमिट में छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नीति का लाभ लेने वाले उद्योगों को 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपकरण बनाने वाली ऐसी इकाइयों को भी योजना का लाभ मिलेगा जो कुल उत्पादन का 75 तक उपकरण हाईब्रिड वाहनों की असेम्बलिंग के लिए आपूर्ति करें। सबसे खाश बात ये है की यह नीति मात्र पांच वर्ष के लिए लागू रहेगी।
इन पांच शहरों में इलेक्ट्रिक माल वाहन चलेंगे
पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद पर्यटन विभाग की नई पर्यटन नीति अस्तित्व में आ रही है। अगर बात करे शहरो की तो देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुद्रपुर और काशीपुर में माल ढोने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक गुड्स वाहनों में बदला जाएगा। इसके लिए थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर और मिनी गुड्स वाहनों को रजिस्ट्रेशन और परमिट में प्रोत्साहन मिलेगा।
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