हरदा नहीं झेल पाए मोदी लहर की आँधी, नैनीताल सीट पर अजय भट्ट से 1 लाख वोटो से पीछे
हरीश रावत को हरिद्वार की मैदानी सीट छोड़कर पहाड़ों की तरफ आना महंगा पड़ गया , जी हां टक्कर भी ऐसी की एक तरफ उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम हरीश रावत और दूसरी तरफ उत्तराखंड बीजेपी के दिग्गज नेता अजय भट्ट। नैनीताल उधमसिंहनगर सीट पर काफी दांव पेंच लग रहे थे और अब नतीजे ऐसे की अजय भट्ट और हरीश रावत में 1 लाख वोटों का अंतर हो गया। नैनीताल सीट पर जहाँ भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को मैदान पर उतारा तो कांग्रेस ने पूर्व सीएम व प्रदेश के बड़े चेहरे हरीश रावत पर दांव खेला। लेकिन जमीनी राजीनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले हरदा एक बार फिर मोदी लहर में चूक रहे हैं। अभी तक के रुझानों में अजय भट्ट लगातार उनसे आगे है। नैनीताल सीट पर अब तक भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को 220238 वोट और कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत को 94780 वोट मिले हैं। बता दे की इस लोकसभा सीट में कुल 14 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमे नैनीताल जिले में हल्द्वानी, भीमताल, कालाढूंगी, लालकुआं, नैनीताल, सीटें हैं, जबकि उधमसिंह नगर जिले में गदरपुर, बाजपुर, जशपुर, काशीपुर, नानकमत्ता, किच्छा, रुद्रपुर सितारगंज, और खटीमा सीट आती हैं।
नैनीताल सीट से अजय भट्ट पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। यहां चुनाव प्रेक्षकों का मानना था कि हरीश रावत के राजनीतिक कद और अनुभव के मुकाबले अजय भट्ट अपेक्षाकृत नए हैं, लेकिन चुनाव के रुझानों ने नया इतिहास रच दिया। अजय भट्ट और रावत दोनों को ही 2017 के विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा था और आगामी चुनाव जीतकर वे अपनी खोई राजनीतिक ताकत वापस पाना चाहते थे। साल 2014 में प्रचंड मोदी लहर में कोश्यारी ने कांग्रेस से यह सीट छीनी थी लेकिन इस बार उनके चुनाव लड़ने की अनिच्छा जाहिर करने के बाद बीजेपी ने इस सीट से अजय भट्ट को उम्मीदवार बनाया है। रावत अपने पक्ष में मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं और क्षेत्र में घूम-घूमकर रोजाना आधा दर्जन सभाएं और रैलियां करने के अलावा लोगों से सीधा संपर्क भी साध रहे थे । वहीं दूसरी तरफ, अजय भट्ट भी दिन-रात जी तोड़ मेहनत करके अपनी जीत सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे थे।
