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ईश्वरी जोशी ने 9वें कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर देश के साथ साथ प्रदेश को किया गौरवान्वित

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उत्तराखण्ड की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में फलक पर जा पहुंची है , कोई खेल जगत में तो कोई सिनेमा जगत में प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। उत्तराखंड की बेटियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रोशन करती आयी है। अब इसमें बनबसा (चंपावत) की ईश्वरी जोशी का नाम भी जुड़ गया है। ईश्वरी का परिवार मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले अंतर्गत दोबांस गांव रहने वाला है।  उत्तराखंड के बनबसा (पचपकरिया) की ईश्वरी जोशी ने 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक डरबन (साउथ अफ्रीका) में हुई 9वें कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर पुरे देश के साथ साथ अपने राज्य को भी गौरवान्वित किया है।




पिता बने मार्गदर्शक:कराटे एसोसिएशन के सचिव भरत शर्मा और उसके कोच लक्ष्मण सिंह के अनुसार रविवार (2 दिसंबर) को ईश्वरी जोशी ने नामीबिया और मॉरीशस की टीम को हराकर तृतीय स्थान प्राप्त किया। ईश्वरी चंपावत जिले से कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में पदक प्राप्त करने वाली पहली खिलाड़ी हैं। ईश्वरी के पिता मोहन चंद्र जोशी सेना से अवकाश प्राप्त हैं साथ ही एनएसजी में ब्लैक कमांडो रह चुके हैं। मां निर्मला जोशी गृहणी हैं। मोहन चंद्र जोशी  ने  ही बेटी का मार्गदर्शन किया और आज उन्ही के पदचिन्हो पर चलकर बेटी ने भी कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपने देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। सबसे खाश बात तो ये है की ईश्वरी के दो भाई भी राज्य स्तरीय कराटे चैंपियन हैं। छोटा भाई खष्टी जोशी वर्तमान में रुद्रपुर में एक प्राइवेट स्कूल में कराटे कोच और प्रशिक्षक है। ईश्वरी बचपन से ही पढाई के साथ साथ खेल कूदो में भी काफी सक्रिय रही और कराटे की बचपन से ही काफी अच्छी तैयारी करते आई है, जिसका सकारात्मक परिणाम आज उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिला। ईश्वरी की इस उपलब्धि से पुरे परिवार में खुशी का माहौल हैं, ईश्वरी और उनके परिजनों को बधाई देने वालो का ताँता लगा हुआ हैं।




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वर्ष 2008 में हुआ एनएसडी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) के लिए चयन:  वर्ष 2008 में उनका चयन एनएसडी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) की कराटे टीम के लिए हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली केवि संगठन के स्कूलों से संपन्न की तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली। वह दिल्ली में ही अपनी कराटे एकेडमी भी संचालित करती हैं। वैसे ईश्वरी का परिवार मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले अंतर्गत दोबांस गांव का रहने वाला है। अब उनका परिवार बनबसा के पचपकरिया में रहता है।




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