केन्द्र के इस आदेश से दूर होगी लाॅकडाउन (lockdown) के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों की परेशानी..
विभिन्न राज्यों में लाॅकडाउन (lockdown) के अंतर्गत फंसे प्रवासियों को अब और अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस वक्त परेशान प्रवासियों को राहत देने वाली खबर आ रही है। केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को घर वापसी की अनुमति दे दी है, यानी अब अगर राज्य सरकार चाहे तो विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को उनके घर वापस ला सकती है। हालांकि इसके लिए दोनों ही राज्य सरकारों को आपस में सामंजस्य स्थापित करना होगा जिससे लाॅकडाउन (lockdown)के नियमों का उल्लघंन ना हो और सामाजिक दूरी भी बनी रहें। केन्द्रीय गृहमंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश विभिन्न राज्यों में फंसे अपने नागरिकों को घर वापस लाने एवं सभी प्रवासियों को उनके गृहराज्य में भेजने के लिए एक मानक प्रोटोकॉल तैयार करें। हालांकि इस प्रक्रिया में राज्य को केन्द्र की ओर से जारी कुछ शर्तों का भी पालन करना पड़ेगा।
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राज्यों को मिली प्रवासियों को घर वापस लाने की अनुमति, प्रवासी उत्तराखण्डियों को भी मिलेगा लाभ:-
गृहमंत्रालय द्वारा जारी आदेश में विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों एवं विद्यार्थियों की आवाजाही के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुमति दे दी गई है। बुधवार को गाइडलाइंस जारी करते हुए गृहमंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां लोगों को वापस बुलाने और उन्हें भेजने के लिए नोडल प्राधिकरण और नियम बनाएं। इन गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि इन प्रवासियों को लाने और ले जाने के लिए राज्य सरकारें न सिर्फ बसों की व्यवस्था कराएंगी अपितु नोडल प्राधिकरण और नियम भी बनाएं। यह नोडल प्राधिकरण अपने राज्यों में फंसे लोगों का पंजीकरण भी करेंगी। केन्द्र ने प्रवासियों की सारी जिम्मेदारी राज्यों के कंधों पर डालते हुए कहा है कि इसके लिए दोनों राज्य आपस में सामंजस्य स्थापित कर प्रवासियों को सड़क मार्ग से घर पहुंचाने की व्यवस्था करें। लोगों को भेजने से पहले सभी की मेडिकल जांच की जाए और यह सुनिश्चित करने के बाद ही आवागमन की अनुमति दी जाए कि व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण नहीं है।