“झन दिया बोज्यू छाना बिलोरी ” आखिर कहां है उत्तराखंड में छाना बिलोरी जहां लगते हैं खूब घाम
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Uttarakhand song chhana bilori: जानिए उत्तराखण्ड के खूबसूरत कुमाऊनी गीत झन दिया बोज्यू छाना बिलौरी के बारे में महत्वपूर्ण बातें, बागेश्वर जिले में स्थित है यह जगह….
‘झन दीया बोज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घामा…’ ये सुप्रसिद्ध कुमाऊनी गीत तो आपने सुना ही होगा परंतु क्या आपको पता है कि आखिर ये छाना बिलौरी है कहां? जिसकी बात इस प्रसिद्ध गीत में की गई है। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। जी हां.. यह जगह बागेश्वर जिले की काफलीगैर तहसील क्षेत्र में पड़ती है। अल्मोड़ा-बागेश्वर मोटर मार्ग पर झिरोली मैग्नेसाइट से एक किमी दूरी पर स्थित है यह गांव छाना बिलौरी। आपकों बता दें कि यह गांव घाटी के बीच में एक उभरे हुये टीले पर बसा है। घाटी के बीचों बीच बसे इस गांव में जहां दिन में काफी गर्म होता है। वहीं उंचाई वाला क्षेत्र होने के कारण यहां गर्म हवाएं भी चलती है। हालांकि यहां का तापमान बागेश्वर से अपेक्षाकृत कम ही रहता है। मेहनतकश लोगों से भरे इस गांव में काफी अच्छी खेती भी होती है। अब छाना बिलौरी गांव की वास्तविक सच्चाई जानकर आपको हैरानी हो रही होगी क्योंकि गीत के बोल में छाना बिलौरी में अत्यधिक गर्मी/धूप पड़ने की बात कहां से कही गई है।
(Uttarakhand song chhana bilori)
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दरअसल ग्रामीण किंवदंतियों के मुताबिक वर्षों पहले बागेश्वर जिले के कांडा तहसील क्षेत्र की एक लड़की की शादी इसी बिलौरी गांव में हुई थी। आपकों बता दें कांडा पहाड़ की हसीन वादियों में बसा एक गांव भी है। यहां का मौसम काफी ठंडा रहता है, सर्दियों में यहां बर्फ की फुहारें भी देखने को मिलती हैं। तो ऐसे में छाना बिलौरी गांव का मौसम कांडा से गर्म होना लाजिमी है। लोककथाओं के मुताबिक कांडा की जिस लड़की का विवाह छाना बिलौरी गांव में हुआ था, उसकी अपनी सास से बिल्कुल भी नहीं बनती थी। बात-बात में दोनों सांस बहू में बहस छिड़ जाती थी। इसी तनातनी के कारण एक दिन बहू अपना ससुराल छोड़कर कांडा वापस आ गई। परंतु मायके वालों के पूछने पर उसने इसका कारण कुछ और ही बताया। उसने कहा कि छाना बिलौरी में बीमार करने वाली धूप पड़ती है, इसलिए वह अब ससुराल नहीं जाएगी। उसकी इसी बात को गांव के किसी व्यक्ति ने गीत का रूप दे दिया। जो देखते ही देखते इतना लोकप्रिय हो गया कि लोग बेटी की शादी करने से पहले दूल्हे के गांव में पढ़ने वाले घाम के बारे में पूछने लगे।
(Uttarakhand song chhana bilori)
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आईए आपको गीत का शाब्दिक अर्थ भी बतला देते हैं –
“छाना बिलोरी झन दिया बौज्यू लागनी बिलोरी का घामा।
हाथै कि कुटली हाथै में रौली लागनी बिलोरी का घामा।
बिलोरी का धारा रौतेला रौनी लागनी बिलोरी का घामा।”
अर्थात पिताजी छाना बिलौरी गांव में मेरी शादी मत करना, वहां की धूप बीमार कर देती है। वहां हाथ की कुदाल हाथ में ही रह जाएगी। बिलोरी की धार में रौतेला लोग रहते हैं।
(Uttarakhand song chhana bilori)
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