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Pauri Garhwal crime News: 6 houses together including the temple were stolen along with cash and other essential items

उत्तराखण्ड

पौड़ी गढ़वाल

पौड़ी गढ़वाल: मंदिर समेत एक साथ हुई 6 घरों में चोरी नगदी समेत अन्य जरूरी सामान हुआ चोरी

Pauri Garhwal Crime: चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र में हुई चोरी की वारदात मंदिर समेत कई घरों के टूटे ताले

आमतौर पर शांत समझे जाने राज्य के पर्वतीय क्षेत्र भी अब अपराधियों के चंगुल से महफूज नहीं हैं। इसका अंदाजा आए दिन सामने आने वाली अपराधिक घटनाओं से आसानी से लगाया जा सकता है। यहां तक कि देवभूमि के नाम से पहचाने जाने वाले उत्तराखण्ड में अब भगवान के मंदिरों में भी चोरी की घटनाएं बड़े पैमाने पर होने लगी है जो न केवल हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए काफी है बल्कि इससे समाज में दहशत एवं रोष भी व्याप्त हो रहा है। चोरी की एक ऐसी ही घटना राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के मटगल गाँव से सामने आ रही है जहां चोरों ने जणदा देवी मंदिर और गांव के छः घरों में सेंधमारी की है। इस बाबत गांव के पीड़ित परिवारों द्वारा तलाई के राजस्व उपनिरीक्षक को भी तहरीर सौंप कर मामले का खुलासा करने की गुहार लगाई गई है।(Pauri Garhwal Crime)

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र के पोखड़ा गांव स्थित मटगल गाँव निवासी भगवान सिंह रावत, विजय सिंह रावत, संतोष सिंह रावत, जमन सिंह रावत, अमर सिंह रावत एवं आशा देवी के घरों में चोरी हुई है। बताया गया है कि जिन घरों में चोरी हुई है उनमें से एक घर में 25 ताले तोड़े गये है और उस घर से नगदी रूपए और अन्य कीमती समान चुराया गया है और अन्य घरों से भी नगदी के साथ साथ कीमती समान चुराया गया है। इसके अतिरिक्त चोरों ने गांव के जणदा देवी मंदिर में भी सेंधमारी की है। आरोपी मंदिर से एक छत्र और दान पात्र की धनराशि अपने साथ ले गए हैं। सबसे दुखद बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी गांव के ग्राम प्रधान द्वारा अभी तक मामले का संज्ञान नहीं लिया गया है। हालांकि इस बाबत पीड़ित परिवारों ने राजस्व उपनिरीक्षक को तहरीर सौंप कर मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने मामले में स्थानीय शरारती तत्वों पर आरोप लगाते हुए बताया है कि इन घरों में वर्तमान में कोई नहीं रहता। घरों में रहने वाले लोग छुट्टियों पर ही यहां आते जाते रहते हैं। इसी का फायदा उठाकर इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है।

Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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